अनिल-टीना की गवाही के बारे में नहीं किया मशविरा
उद्यमी अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को 2जी घोटाला मामले में बतौर गवाह बुलाने से पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआइ] से किसी तरह का सलाह-मशविरा नहीं किया गया। सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा ने बताया कि दोनों को गवाही के लिए बुलाने का फैसला लोक अभियोजक यूयू ललित ने किया था। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घ्
नई दिल्ली। उद्यमी अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को 2जी घोटाला मामले में बतौर गवाह बुलाने से पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआइ] से किसी तरह का सलाह-मशविरा नहीं किया गया। सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा ने बताया कि दोनों को गवाही के लिए बुलाने का फैसला लोक अभियोजक यूयू ललित ने किया था।
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने 22 और 23 अगस्त को रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी व टीना अंबानी की विशेष सीबीआइ कोर्ट के समक्ष गवाही के बाद रविवार को अपनी स्थिति स्पष्ट की। अनिल अंबानी फरवरी, 2011 में जांच के दौरान सीबीआइ को दिए अपने बयान से बृहस्पतिवार को विशेष अदालत के समक्ष मुकर गए। टीना अंबानी के मामले में सीबीआइ का दावा है कि वह जानबूझकर तथ्यों को छुपा रही हैं, जिसे जज ने अभियोजन के लिए गलत माना। जब रंजीत सिन्हा से पूछा गया कि अनिल और टीना अंबानी के रुख से सीबीआइ को झटका लगा है, तो उन्होंने कहा कि अतिरिक्त अभियोजन गवाहों को कोर्ट द्वारा नियुक्त अभियोजक यूयू ललित ने समन भेजे थे। इसके लिए सीबीआइ से मशविरा भी नहीं किया गया। हालांकि, सिन्हा ने इससे ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया। बृहस्पतिवार को गवाही के दौरान 54 वर्षीय उद्यमी अनिल अंबानी ने कहा कि फरवरी, 2011 में वह सीबीआइ दफ्तर गए तो थे, लेकिन उन्होंने अधिकारियों को कोई लिखित नोट नहीं दिया था। इस दौरान उन्होंने कुछ भी याद आने से इन्कार कर दिया था। वहीं, टीना अंबानी ने एडीएजी समूह की कंपनियों के मामलों की जानकारी होने से इन्कार कर दिया।
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