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Open University in India: देश में मुक्त विश्वविद्यालय खोलने की राह हुई आसान, यूजीसी ने शिथिल किए मानक, जानें नए नियम

केंद्र की नरेन्‍द्र मोदी सरकार ने देश में मुक्त विश्वविद्यालयों को खोलने की राह आसान बना दी है। यूजीसी की ओर से मानकों में ढील दी गई है। ओपेन यूनिवर्सिटी खोलने के लिए अब क्‍या होंगे मानक जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 08:00 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 06:00 AM (IST)
Open University in India: देश में मुक्त विश्वविद्यालय खोलने की राह हुई आसान, यूजीसी ने शिथिल किए मानक, जानें नए नियम
सरकार ने देश में ओपेन यूनिवर्सिटी खोलने की राह आसान बना दी है। (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च शिक्षा की पहुंच बढ़ाने की दिशा में सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। देश में मुक्त विश्वविद्यालय (ओपेन यूनिवर्सिटी) खोलने की राह आसान बना दी है। अब सिर्फ पांच एकड़ के विकसित भूखंड पर ही मुक्त विश्वविद्यालय को खोलने की मंजूरी मिल जाएगी। अभी इसके लिए 40 से 60 एकड़ विकसित भूखंड होना जरूरी था। देश में मुक्त विश्वविद्यालयों के विस्तार की राह में यह एक बड़ी अड़चन थी। शहरी क्षेत्रों में इतने बड़े पैमाने पर भूमि मिलना मुश्किल था।

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यूजीसी ने लिया फैसला

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मुक्त विश्वविद्यालयों के लंबे समय से अटके कई प्रस्तावों पर मंथन के बाद यह फैसला लिया है। इसे लेकर अधिसूचना भी जारी हो गई है। वैसे भी मुक्त विश्वविद्यालयों को खोलने के मौजूदा नियम करीब 33 साल पहले यानी 1989 में तैयार किए गए थे। तब से यही प्रचलन में है। इस बीच इन्हीं अड़चनों के चलते देश में अब तक सिर्फ एक केंद्रीय मुक्त विश्वविद्यालय सहित करीब 14 मुक्त विश्वविद्यालय ही खुल सके हैं।

तेजी से खुलेंगे मुक्त विश्वविद्यालय

यूजीसी के चेयरमैन डाक्टर एम जगदीश कुमार के मुताबिक, मुक्त विश्वविद्यालयों को खोलने से जुड़े नियमों को शिथिल करने से देश में मुक्त विश्वविद्यालय तेजी से खुलेंगे। इनकी पहुंच भी देश के कोने-कोने तक होगी। अभी देश का एक बड़ा वर्ग इसलिए भी उच्च शिक्षा से वंचित है, क्योंकि उच्च शिक्षा अभी भी उनकी पहुंच से काफी दूर है। साथ ही उनके पास संसाधन भी नहीं है।

देनी होगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

यूजीसी ने मुक्त विश्वविद्यालयों के खोलने से जुड़े नियमों को शिथिल करने के साथ ही अन्य नियमों को यथावत रखा है। जिसमें फैकल्टी और दूसरी सुविधाएं शामिल हैं। यूजीसी का मानना है कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं होगा। मुक्त विश्वविद्यालयों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी होगी।

27 फीसद के करीब है शिक्षा की जीईआर

गौरतलब है कि उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने के लिए सरकार ने देश में डिजिटल यूनिवर्सिटी खोलने की भी एक बड़ी घोषणा की है। इसकी तैयारियां तेजी से चल रही हैं। सरकार का लक्ष्य 2035 तक देश में उच्च शिक्षा का सकल नामांकन दर (जीईआर) को 50 प्रतिशत पहुंचाना है। मौजूदा समय में देश में उच्च शिक्षा का जीईआर करीब 27 फीसद है।

यूजीसी नेट के आवेदन की तारीख बढ़ी

यूजीसी नेट की दिसंबर 2021 और जून 2022 के संयुक्त सत्र की परीक्षा के आवेदन की तारीख बढ़ा दी गई है। छात्र अब 30 मई तक आवेदन कर सकेंगे। फिलहाल इसके आवेदन की तारीख 20 मई को ही खत्म हो गई थी। यूजीसी के चेयरमैन ने रविवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आवेदन की तारीख बढ़ाने का यह फैसला छात्रों का मांग के बाद लिया गया है।


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