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Waterways: राज्यों में कारोबार के नए केंद्र बनाएंगे जलमार्ग, राष्ट्रीय जलमार्गों पर 70 प्रतिशत बढ़ा ट्रैफिक

उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को ही वाराणसी से बलिया के बीच 15 नई जेट्टी के निर्माण का निर्णय लिया है। देशभर के राष्ट्रीय जलमार्गों पर 70 प्रतिशत तो यूपी के वाराणसी से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक बने एनडब्ल्यू-1 (नेशनल वाटरवे) पर 60 प्रतिशत ट्रैफिक बढ़ा है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Sun, 27 Nov 2022 06:42 PM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 06:42 PM (IST)
Waterways: राज्यों में कारोबार के नए केंद्र बनाएंगे जलमार्ग, राष्ट्रीय जलमार्गों पर 70 प्रतिशत बढ़ा ट्रैफिक
राज्यों में कारोबार के नए केंद्र बनाएंगे जलमार्ग, राष्ट्रीय जलमार्गों पर 70 प्रतिशत बढ़ा ट्रैफिक।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को ही वाराणसी से बलिया के बीच 15 नई जेट्टी के निर्माण का निर्णय लिया है। नई दिशा में यह प्रयास अनायास ही नहीं है, बल्कि समुद्र तटीय राज्यों के अलावा नदियों के किनारे बसे राज्य भी जलमार्ग से माल ढुलाई के रास्ते पर कदम बढ़ा रहे हैं। देशभर के राष्ट्रीय जलमार्गों पर 70 प्रतिशत तो यूपी के वाराणसी से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक बने एनडब्ल्यू-1 (नेशनल वाटरवे) पर 60 प्रतिशत ट्रैफिक बढ़ा है।

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यही वजह है कि केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने देशभर के लिए 111 जलमार्ग चिन्हित किए हैं तो उनमें 13 नए मार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली को मिलने हैं। यह नए रास्ते राज्यों के कारोबार के नए केंद्र विकसित करेंगे। समुद्र किनारे बसा गुजरात उद्योग-कारोबार के लिए पहले से 'वाइब्रेंट' है, तो मुहाराष्ट्र, असम और बंगाल जैसे राज्यों की निर्भरता भी जलमार्गों पर पहले से है। मगर, अब नई संभावनाओं के साथ अन्य राज्य भी नए रास्ते तलाश रहे हैं।

दरअसल, निवेश को आकर्षित करने के लिए इन दिनों यूपी खासा प्रयासरत है। निवेशकों का रुझान भी इस राज्य की ओर बढ़ा है। लैंडलाक राज्य होने की वजह से सिर्फ रेल और सड़क मार्ग से माल ढुलाई पर निर्भर रहे उत्तर प्रदेश को मोदी सरकार ने वाराणसी से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग-1 बनाकर नया विकल्प दिया तो उसके प्रति कारोबारियों का रुझान भी दिखा। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) की रिपोर्ट कहती है कि अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 की तुलना में अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक देश के राष्ट्रीय राजमार्गाों पर कुल 70 प्रतिशत यातायात बढ़ा तो वाराणसी से हल्दिया तक बने एनडब्ल्यू-1 पर भी इजाफा 60 प्रतिशत रहा।

इसे देखकर संभावना जताई जा रही है कि प्रदूषण और माल ढुलाई लागत को काफी हद तक कम कर देने वाले इस विकल्प को संबंधित राज्य और कारोबारी जरूर अपनाएंगे। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जयंत सिंह मानते हैं कि विभिन्न राज्यों में जब यह सभी जलमार्ग बनकर तैयार होंगे तो तय है कि इनसे माल ढुलाई का आंकड़ा भी बढ़ेगा। जलमार्गों पर जेट्टी बनेंगी, जहां से माल की लोडिंग-ओवरलोडिंग होगी। ऐसे में नदी किनारे बसे छोटे-छोटे गांव-कस्बे आदि कारोबार का एक केंद्र बनेंगे। वहां स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

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