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जानिए जल संरक्षण के प्रयासों, योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के बारे में

वित्त वर्ष 2024-25 तक इस योजना के तहत सात राज्यों में भूजल स्तर सुधारने पर काम किया जाएगा। यह राज्य हैं उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश हरियाणा राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र और कर्नाटक। इसमें प्रतिवर्ष छह हजार करोड़ रुपये का बजट का प्रविधान है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 05 Jan 2022 01:24 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jan 2022 01:24 PM (IST)
जानिए जल संरक्षण के प्रयासों, योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के बारे में
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जलशक्ति मंत्रालय ‘भारत की जल धरोहर’ का आयोजन कर रहा है। फाइल फोटो

नई दिल्‍ली, जेएनएन। भूजल के प्रयोग में हम विश्व में शीर्ष पर हैं। भूजल स्तर नीचे गिर रहा है इसलिए जल संरक्षण और इसके पुन: प्रयोग पर हम सभी का विशेष ध्यान होना चाहिए। कई इस वर्ष भी जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं पर काम आगे बढ़ेगा। राज्य सरकारों को जो आवंटन किया गया है, उनका प्रयोग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा, लेकिन जनसहभागिता के बिना जल संरक्षण की मुहिम पूरी हो पाना संभव नहीं है। जानिए जल संरक्षण के प्रयासों, योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के बारे में:

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पीएम कृषि सिंचाई योजना

  • देश में जल संरक्षण के लिए कई योजनाएं चल रही है। हाल ही में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को स्वीकृति प्रदान कर इस कार्य को और मजबूती दी है।
  • इस वर्ष पीएम कृषि सिंचाई योजना के काम को गति मिलने की उम्मीद है। इससे देश में करीब 25 लाख किसानों के लाभान्वित होने की आशा है।
  • इससे लाभ पाने वालों में 2.5 लाख किसान अनुसूचित जाति के और करीब दो लाख किसान अनुसूचित जनजाति के होंगे।

अटल भूजल योजना

  • अटल भूजल योजना को एक वर्ष हो गया है। 2019 दिसंबर में देश के निम्न भूजल स्तर वाले क्षेत्रों में सुधार के लिए इसकी घोषणा की गई थी और पांच वर्षों के लिए इसे आरंभ किया गया था।
  • वित्त वर्ष 2024-25 तक इस योजना के तहत सात राज्यों में भूजल स्तर सुधारने पर काम किया जाएगा। यह राज्य हैं, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक।
  • इसमें प्रतिवर्ष छह हजार करोड़ रुपये का बजट का प्रविधान है। इस वर्ष इन राज्यों के अलग-अलग क्षेत्रों में गांवों के चयन की प्रक्रिया और तेज होगी। इस योजना में ग्रामीणों की सहभागिता पर काफी जोर दिया जा रहा है।

नमामि गंगे की गति

  • गंगा और इसकी सहायक नदियों को साफ रखने के क्रम में नमामि गंगे परियोजना में वर्ष 2021 में भी तेज गति से काम हुआ।
  • नमामि गंगे प्रोजेक्ट के ट्विटर हैंडल के अनुसार, उत्तराखंड के गढ़वाल में गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त रखने वाली परियोजना सफलतापूर्वक पूर्ण कर ली गई है।
  • अब सरकार का ध्यान गंगा की सहायक नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण मुक्त करने पर होगा। नववर्ष में इस पर कार्य तेज किया जाएगा।

देश में जल संरक्षण प्रयासों की मजबूती के लिए जियो र्टैंगग पर विचार

  • देश भर में बीते कुछ वर्षों में जल संरक्षण के लिए कृत्रिम तालाब और अन्य जल संरक्षण प्लांट की स्थापना केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा की गई है। यह काम जल की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में प्रमुखता से किया गया है।
  • इस प्रकार के अन्य कृत्रिम प्लांट का निर्माण सुगम बनाने के लिए पहले बने प्लांट्स की जानकारी आवश्यक है। इसी क्रम में अब सरकारी एजेंसियों द्वारा बनाए गए जल संरक्षण के प्लांट की जियो र्टैंगग की प्रक्रिया अपनाने का विचार है।
  • देस में इस प्रकार के सभी प्लांट का रिकार्ड रखने के लिए किसी सरकारी एजेंसी को जिम्मेदारी देने का विचार है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शासन स्तर से एजेंसी का चयन कर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

जागरूकता के लिए जल पहेली

  • केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने देश में लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए जलपहेली की अनूठी मुहिम चला रखी है।
  • आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जलशक्ति मंत्रालय ‘भारत की जल धरोहर’ का आयोजन कर रहा है।
  • 25 दिसंबर को आरंभ हुई जलपहेली 25 जनवरी 2022 तक जारी रहेगी। माइजीओवीडाटइन वेबसाइट पर लागइन करके क्विज में भाग लिया जा सकता है।

ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण

  • केंद्र की योजना जलजीवन मिशन को सफल बनाने के लिए सरकार ने महिलाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था की है।
  • इसके अंतर्गत हर गांव की पांच महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वह अपने क्षेत्र में जल की गुणवत्ता मापने का काम सुचारू रूप से कर सकें।
  • 2019 में शुरू की गई योजना के अंतर्गत हर गांव में नल से जल पहुंचाने का वृहद लक्ष्य तय किया गया है।
  • अभी तक 18 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक इस योजना के तहत जल पहुंचाया जा चुका है।

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