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भगवान का दिया वरदान है पानी, इसको बबार्द करना है पाप: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्‍थान के सूरतगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में 'राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड' लॉन्‍च किया। इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम ने पानी को भगवान को दिया वरदान कहा। उन्‍होंने कहा कि यदि हम इसको बर्बाद करते हैं तो यह सबसे बड़ा पाप है। उन्‍होंने कहा कि

By anand rajEdited By: Published: Thu, 19 Feb 2015 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 19 Feb 2015 02:30 PM (IST)
भगवान का दिया वरदान है पानी, इसको बबार्द करना है पाप: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के सूरतगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में 'राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड' लॉन्च किया। इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम ने पानी को भगवान को दिया वरदान कहा। उन्होंने कहा कि यदि हम इसको बर्बाद करते हैं तो यह सबसे बड़ा पाप है। उन्होंने कहा कि जब वह गुजरात के सीएम थे तो नर्मदा का पानी राजस्थान को भी मुहैया करवाते थे। पीएम ने कहा कि उनका मकसद सरकार के कामकाज और पुरानी व्यवस्था को बदलना है।

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पीएम ने इस योजना के लिए सभी राज्यों से सहयोग की अपील की है। मृदा परिक्षण को जरूरी बताते हुए उन्होंने इस ओर आने वाली परेशानी का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि राज्यों के स्कूलों में मौजूद प्रयोगशाला में छुटिटयों के दौरान मृदा परिक्षण की सहूलियत होनी चाहिए। उनका कहना था कि एक किसान को इस बात की जानकारी होनी बेहद जरूरी है कि वह जिस भूमि में कृषि करना चाहता है उसकी हालत कैसी है। पानी की उपयोगिता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पानी की एक एक बूंद का उपयोग कर किस तरह से बेहतर खेती की जाए, हमें यही सोचकर आगे बढ़ना है।

'राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड' लॉचिंग के मौके पर उन्होंने कहा कि पूरे देश के किसानों को इस योजना का फायदा पहुंचाना सरकार का मकसद है। कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद हैं।

सूत्रों के अनुसार कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात, नागालैण्ड, असम, मेघालय, उड़ीसा और कर्नाटक के 50 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे। इनमें नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के अलावा कई राज्यों के प्रमुख सचिव, कृषि विशेषज्ञ शामिल हैं।

इस योजना के तहत केंद्र सरकार अगले तीन वर्षो में देश के 14 करोड़ किसानों को 'राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड' उपलब्ध कराएगी। इस योजना के तहत किसान अपनी खेती की जमीन की मिट्टी चेक करा सकेंगे। इसके माध्यम से किसानों को फसल के हिसाब से खाद उपयोग करने की सुविधा भी मिलेगी। कार्यक्रम में तीन लाख से ज्यादा लोगों के भीड़ होने की उम्मीद की जा रही है।

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