पानी के लिए तरसता है खनिज संपदा से संपन्न झारखंड
झारखंड में महज 12.9 फीसदी परिवार नल जल (टैप वॉटर) का प्रयोग करते हैं, जबकि 83.8 फीसदी आबादी भूगर्भ जल (कुआं व हैंडपंप) पर निर्भर है।
रांची। अपनी खनिज संपदा के कारण देश का सबसे संपन्न राज्य झारखंड पानी की बूंद-बूंद को तरसता है। झारखंड में महज 12.9 फीसदी परिवार नल जल (टैप वॉटर) का प्रयोग करते हैं, जबकि 83.8 फीसदी आबादी भूगर्भ जल (कुआं व हैंडपंप) पर निर्भर है। दो फीसद से अधिक आबादी आज भी पेयजल के लिए नदी, नालों व कुए पर निर्भर है। महज 23.2 फीसद परिवारों के घरों में पेयजल की सुविधा है, जबकि 76.8 फीसद परिवारों को बाहर से ढो कर पीने का पानी लाना पड़ता है। इनमें 31.9 फीसद परिवार काफी दूर से पानी लाते हैं। राज्य सरकार के आंकड़ों से इतर ये आंकड़े साल 2011 में हुई जनगणना के दौरान सामने आए थे। इन्हें 2012 में जारी किया गया था।
क्या है सूरत-ए-हाल
राज्य/जिला पानी का स्रोत
टैप वॉटर कुआं हैंडपंप
गढ़वा 3.8 23.5 70.1
चतरा 3.9 46.8 46.8
कोडरमा 5.1 61.0 30.4
गिरिडीह 5.1 69.0 22.0
देवघर 4.2 39.9 50.3
गोड्डा 3.7 26.0 66.1
साहिबगंज 4.5 26.5 62.4
पाकुड़ 3.1 15.2 73.3
धनबाद 40.0 25.7 26.2
बोकारो 26.0 33.6 32.0
लोहरदगा 2.9 50.4 43.8
पू. सिंहभूम 30.0 18.3 40.0
पलामू 4.8 25.8 66.2
लातेहार 2.9 39.0 52.8
हजारीबाग 7.2 66.2 22.4
रामगढ़ 25.6 47.7 20.9
दुमका 3.7 27.8 61.7
जामताड़ा 2.2 27.2 64.7
रांची 18.2 41.4 30.1
खूंटी 3.7 57.8 30.4
गुमला 3.8 65.6 27.5
सिमडेगा 3.0 57.1 36.9
प. सिंहभूम 9.8 18.8 58.6
सरायकेला 11.8 20.2 57.2
झारखंड 12.9 36.5 43.8
यह आंकड़ें प्रतिशत मे हैं।