इंटरनेशनल ट्रेड फेयर देखना इस बार होगा महंगा, मेले का क्षेत्रफल भी हुआ तीन गुना
शनिवार रविवार और छुटटी के दिन बच्चों का टिकट जहां 60 रुपये का होगा वहीं कार्यदिवस पर यह 40 रुपये की रहेगी। इसी तरह व्यापारी दर्शकों के लिए आरक्षित शुरुआती पांच दिनों के दौरान एक दिन का टिकट 500 और पांचों दिन का पैकेज टिकट 1800 रुपये का होगा।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आइआइटीएफ) देखने के लिए इस बार जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) ने मेले की एंट्री टिकटों में 25 से 33 फीसद तक की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। कोरोना की वजह से एक साल के अंतराल पर आयोजित हो रहा 40वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला इस बार भी 14 से 27 नवंबर के दौरान प्रगति मैदान में लगेगा। इस बार शनिवार, रविवार और छुटटी के दिन वयस्कों का टिकट जहां 150 रुपये का होगा, वहीं कार्यदिवसों पर 80 रुपये का रहेगा। पिछली बार (2019) में यह दर 120 रुपये और 60 रुपये थी।
शनिवार, रविवार और छुटटी के दिन बच्चों का टिकट जहां 60 रुपये का होगा, वहीं कार्यदिवस पर यह 40 रुपये की रहेगी। इसी तरह व्यापारी दर्शकों के लिए आरक्षित शुरुआती पांच दिनों के दौरान एक दिन का टिकट 500 और पांचों दिन का पैकेज टिकट 1800 रुपये का होगा। 2019 में यह महज 25 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में लगा था, जबकि इस बार इसका क्षेत्रफल तीन गुना बढ़ाकर 75 हजार वर्ग मीटर कर दिया गया है। पहली बार चार नवनिर्मित हाल दो, तीन, चार और पांच भी व्यापार मेले का हिस्सा होंगे। लेकिन दायरा बड़ा कर देने के बावजूद कोरोना प्रोटोकाल के चलते दर्शकों की संख्या 30,000 तक ही रखी जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत है मेले की थीम
मेले की थीम आत्मनिर्भर भारत है। उत्तर प्रदेश फोकस और बिहार पार्टनर स्टेट रहेगा। 25 राज्यों ने मेले में भाग लेने की स्वीकृति दे दी है। सभी राज्यों को नए हालों की पहली मंजिल पर स्थान दिया जाएगा। विदेशी सहभागिता के तहत बहरीन, यूएई, टर्की, घाना, चीन इत्यादि सात आठ देशों की ओर से स्वीकृति आ चुकी है। मेले में अफगानिस्तान नहीं रहेगा, लेकिन भारत में वहां के मेवों का कारोबार करने वाले स्थानीय कारोबारी अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। अलबत्ता, पाकिस्तान नदारद रहेगा।2020 में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला नहीं लग सका था। इसलिए इस साल सभी को इसका बेसब्री से इंतजार है। मेला आयोजन की अनुमति भी काफी देरी से मिलने के बावजूद इसे हर तरह से बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। - एस आर साहू, महाप्रबंधक (आइआइटीएफ), आइटीपीओ