Move to Jagran APP

vaccine diplomacy: वैक्सीन डिप्लोमेसी को लेकर बड़े देशों में छिड़ी जंग, भारत निजी जरूरतें पूरी होने पर ही बढ़ाएगा पैर

भारत में अभी वैक्सीन की वर्तमान हालात में जब देश में वैक्सीन की कमी से टीकाकरण बहुत धीमा हो चुका है। ऐसे में भारत सिंगल डोज वैक्सीन भी नहीं भेजना चाहता है। अगर जुलाई अगस्त तक देश में उत्पादन बढ़ गया तो इस पर विचार किया जा सकता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 10:02 PM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 06:57 AM (IST)
vaccine diplomacy: वैक्सीन डिप्लोमेसी को लेकर बड़े देशों में छिड़ी जंग, भारत निजी जरूरतें पूरी होने पर ही बढ़ाएगा पैर
भारत पर दबाव लेकिन निजी जरूरतें पूरी होने पर ही बढ़ाएगा पैर।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। दुनिया के बड़े देशों के बीच वैक्सीन डिप्लोमेसी को लेकर एक नई दौड़ शुरू हो गई है। एक तरफ चीन और रूस साथ मिल कर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से लेकर दक्षिणी अमेरिकी देशों तक को बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने में जुटा है। इन दोनों की तेजी को देखते हुए अमेरिका ने भी अगले कुछ महीनों के भीतर दुनिया को आठ करोड़ अमेरिका निर्मित वैक्सीन देने का एलान किया है।

loksabha election banner

भारत पर दबाव, लेकिन निजी जरूरतें पूरी होने पर ही बढ़ाएगा पैर

इन देशों की तेजी ने भारत पर भी दबाव बढ़ा दिया है कि वह अपने प्रभाव वाले देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराये। खास तौर पर जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर से हलकान बांग्लादेश, नेपाल जैसे देश भारत को लगातार संदेश भेज रहे हैं कि उन्हें कुछ वैक्सीन दी जाए। भारत का वैक्सीन उत्पादन अभी उसकी घरेलू मांग के मुकाबले ही काफी कम है, ऐसे में भारत के लिए पड़ोसी देशों की मांग को पूरा करना मुश्किल हो रहा है, लेकिन अगर जुलाई अगस्त तक वैक्सीन की उपलब्धता पर्याप्त होती है तो भारत फिर से वैक्सीन डिप्लोमेसी को धार देने पर विचार कर सकता है।

बाइडन ने कहा- अमेरिका जितनी वैक्सीन बनाएगा उसका 13 फीसद दुनिया को देगा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि जून, 2021 तक अमेरिका जितनी वैक्सीन बनाएगा उसका 13 फीसद दुनिया को देगा। यह किसी भी देश की तरफ से अभी तक दूसरे देशों को दी गई वैक्सीन से ज्यादा होगा। यह रूस और चीन की तरफ से दूसरे देशों को दी गई वैक्सीन से पांच गुना ज्यादा होगा। इन दोनों देशों ने अब तक 1.5 करोड़ वैक्सीन दान के तौर पर दूसरे देशों को दी है।

अमेरिका वैक्सीन देकर दूसरे देशों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगा

बाइडन ने रूस और चीन की तरफ से वैक्सीन डिप्लोमेसी के जरिए दुनिया को प्रभावित करने की भी बात कही। उन्होंने यहां तक कहा है कि जिस तरह से दूसरे विश्व युद्ध में अमेरिका लोकतंत्र की तरफ से लड़ा वैसे ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका दूसरे देशों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने जा रहा है। उन्होंने रूस और चीन पर तंज भी कसा है कि अमेरिका वैक्सीन देकर दूसरे देशों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगा।

चीन की वैक्सीन अपनाने के अलावा कोई चारा नहीं

कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि अमेरिका, ब्रिटेन के बाद भारत की तरफ से भी वैक्सीन आपूर्ति बंद हो जाने के बाद छोटे व कम विकसित देशों के लिए चीन की वैक्सीन अपनाने के अलावा कोई चारा नहीं है। कई दक्षिण अमेरिकी देश चीन की वैक्सीन पर सवाल उठने के बावजूद उसे लेने को मजबूर हैं। सनद रहे कि भारत ने फरवरी से अप्रैल के दौरान कुल 95 देशों को कुल 6.64 करोड़ वैक्सीन दी थीं। इसमें से 1.07 करोड़ वैक्सीन पड़ोसी देशों व कुछ दूसरे गरीब देशों को बतौर दान दिया गया था। अब यह पूरी तरह से बंद है।

भारत में वैक्सीन की कमी से टीकाकरण धीमा हो चुका

सूत्रों का कहना है कि भारत में अभी वैक्सीन की वर्तमान हालात में जब देश में वैक्सीन की कमी से टीकाकरण बहुत धीमा हो चुका है। ऐसे में भारत सिंगल डोज वैक्सीन भी नहीं भेजना चाहता है। वैसे भी यह राजनीतिक मुद्दा बन चुका है, लेकिन अगर जुलाई अगस्त तक देश में उत्पादन बढ़ गया तो इस पर विचार किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.