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पोस्‍टर पर ‘फ्री कश्‍मीर’ लिखा होने से आलोचना का शिकार हुईं महक प्रभु, पढ़ें

जेएनयू हिंसा को लेकर जारी विरोध में सीएए एनआरसी समेत कश्‍मीर का मुद्दा भी उठाया गया। कश्‍मीर का मुद्दा उठाने के लिए महक प्रभु को आलोचना का शिकार होना पड़ा।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 03:10 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 03:18 PM (IST)
पोस्‍टर पर ‘फ्री कश्‍मीर’ लिखा होने से आलोचना का शिकार हुईं महक प्रभु, पढ़ें
पोस्‍टर पर ‘फ्री कश्‍मीर’ लिखा होने से आलोचना का शिकार हुईं महक प्रभु, पढ़ें

मुंबई, एएनआइ। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी हिंसा के विरोध में प्रदर्शन के दौरान ‘फ्री कश्‍मीर’ लिखा पोस्‍टर लेने के कारण मुंबई की स्‍टोरी टेलर महक प्रभु की सोशल मीडिया व पुलिस मुख्‍यालयों में काफी निंदा हो रही है, इस क्रम में मंगलवार को उन्‍होंने अपना पक्ष रखते हुए स्‍पष्‍टीकरण दिया। उन्‍होंने कहा कि इस पोस्‍टर के जरिए वे केवल जम्‍मू कश्‍मीर में लागू पाबंदियों को उजागर करना चाहती थीं और क्षेत्र में वो शांति देखना चाहती हैं। उन्‍होंने यह स्‍पष्‍ट किया कि इसके अलावा उनका कोई और उद्देश्‍य नहीं है।

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प्रभु ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्‍ट कर बताया, ‘सोमवार रात करीब 7 बजे, गेटवे ऑफ इंडिया पर हो रहे प्रदर्शन में पहुंची। लोकतंत्र में आस्‍था रखने वाले लोगों की तरह मैं भी इसमें शामिल हुई। जेएनयू के छात्रों के न्‍याय के लिए हम खड़े हैं।’

उन्‍होंने आगे बताया, ‘वहां मैंने देखा कुछ लोग विभिन्‍न मुद्दों जैसे- एनआरसी, सीएए और जेएनयू छात्रों के लिए पोस्‍टर बना रहे थे। वहीं पर एक पोस्‍टर पड़ा था जिसपर लिखा था- ‘फ्री कश्‍मीर।’ इसे देख सबसे पहले मेरे दिमाग में कश्‍मीरियों के मूल संवैधानिक अधिकारों का ध्‍यान आया।’

प्रभु ने यह भी बताया कि वह कश्‍मीरी नहीं हैं और उनका लालन पालन मुंबई में हुआ है। उन्‍होंने कहा, ‘मैं हाथ में फूल लिए खड़ी थी। इसका मतलब है कि हमें वहां शांति बनाए रखने की जरूरत है। यही मेरा मकसद था। लेकिन जो निष्‍कर्ष निकला वह पूरी तरह गलत था।’

उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि यह घटना काफी डरावनी है। साथ ही उन्‍होंने लोगों से आग्रह किया कि जो उन्‍होंने बोला वही बात कही जाए न कि नफरत फैलाई जाए।

उन्‍होंने कहा, ‘इस पूरे घटना से मैं डर गई हूं। मैं साधारण महिला हूं। महिला के तौर पर मेरी सुरक्षा के लिए यह काफी भयावह है। नफरत न फैलाएं, यह मेरे साथ हुआ। कल किसी के भी साथ हो सकता है। हमें डर में नहीं जीना चाहिए।

बता दें कि जेएनयू में हिंसा का देश के हर हिस्‍से में विरोध किया जा रहा है। इस क्रम में मुंबई की महक प्रभु को सोशल मीडिया व पुलिस मुख्‍यालयों में हो रही आलोचना का सामना करना पड़ा।

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