किसानों की आमदनी बढ़ाने में अहम होगा 'सुनहरा प्रयास'
अमेरिका की रिटेल कंपनी वालमार्ट ने भी देश के कई राज्यों में किसानों के साथ सीधे जुड़ने की कवायद शुरू की है।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। किसानों की आमदनी में वृद्धि के सरकार के कार्यक्रमों के साथ साथ निजी क्षेत्र भी जुट गया है। खासतौर पर रिटेल सेक्टर की कंपनियों की तरफ से किसानों से सीधे कृषि उत्पाद खरीदने की प्रक्रिया में तेजी आने के बाद सरकार की इस मुहिम को और बल मिल रहा है।
अमेरिका की रिटेल कंपनी वालमार्ट ने भी देश के कई राज्यों में किसानों के साथ सीधे जुड़ने की कवायद शुरू की है। फिलहाल कंपनी ने उत्तर प्रदेश में सुनहरा प्रयास नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसके तहत आम और केले की फसल को प्रदेश भर में प्रोत्साहन दिया जाएगा। वालमार्ट इंडिया के प्रेसिडेंट व सीईओ कृष अय्यर ने दैनिक जागरण से कहा कि इस कार्यक्रम में न केवल कंपनी किसानों की पूरी उपज उनसे खरीदेगी बल्कि उन्हें आधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी भी उपलब्ध कराएगी ताकि वे कम भूमि में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें।
हाल ही में वालमार्ट इंडिया ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निकट सीतापुर में किसानों के साथ मिलकर इस कार्यक्रम के तहत काम करना शुरू किया है। कृष ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों की मदद से किसानों को आम और केले की बुआई से लेकर उसकी देखरेख और सिंचाई की नई तकनीक उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए बाकायदा किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
रिटेल क्षेत्र की अन्य कंपनियों की तरफ से किये जा रहे इस तरह के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि किसानों से सीधे उपज खरीदने की प्रक्रिया शुरू होने से किसान और खरीदार के बीच बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है। किसान अब न केवल अपनी उपज का उचित दाम पाता है बल्कि वह जितनी उपज पैदा करता है उस पूरी मात्रा की कीमत प्राप्त करता है। कृष ने बताया कि उनकी कंपनी एक कदम आगे जाकर किसानों को खेती में नई तकनीक उपलब्ध करा और प्रशिक्षित कर उन्हें उतनी ही जमीन में अधिक पैदावार प्राप्त करने में मदद कर रही है। किसानों के खेत पर जाकर उपज खरीदने से फलों और सब्जियों की बर्बादी भी रुकती है।
उत्तर प्रदेश में कंपनी स्ट्राबेरी के मामले में ऐसा प्रयोग कर चुकी है। लखनऊ के आसपास के कुछ किसान ऐसे हैं जिन्हें स्ट्राबेरी की खेती में कंपनी ने तकनीकी मदद उपलब्ध करायी और अब उनकी समस्त उपज लखनऊ स्टोर में ही खप रही है। कृष ने बताया कि 'सुनहरा प्रयास' कार्यक्रम फिलहाल उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पंजाब में चल रहा है। इसे इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स (आइसैप) के सहयोग से चलाया जा रहा है।