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छह साल का इंतजार... अंतरिक्ष में जन्म लेगा पहला इंसान

धरती से महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु अंतरिक्ष भेजे जाएंगे। वहां इनका निषेचन कराया जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 09:08 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 09:08 PM (IST)
छह साल का इंतजार... अंतरिक्ष में जन्म लेगा पहला इंसान
छह साल का इंतजार... अंतरिक्ष में जन्म लेगा पहला इंसान

नई दिल्ली, जेएनएन। दूसरे ग्रह पर बसने की इंसान की अपनी महत्वाकांक्षी योजना का एक और कदम करीब पहुंचने वाला है। इसी क्रम में 2024 में वैज्ञानिक अंतरिक्ष में पहले इंसान का जन्म कराएंगे। तैयारियां जोरों पर हैं। नीदरलैंड की कंपनी स्पेसलाइफ ओरिजिन 36 घंटे के मिशन क्रेडल नामक अभियान में एक गर्भवती महिला को विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजेगी।

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क्या है मकसद

इस महत्वाकांक्षी अभियान का मकसद अंतरिक्ष में मानव कॉलोनी बसाने का मंच तैयार करना है। इस अभियान के नतीजे अन्य ग्रह पर मानव प्रजनन की संभावनाओं को टटोलेंगे।

क्या है मिशन क्रेडल

2024 तक अंतरिक्ष में पहले इंसान के पैदा होने से जुड़ा अभियान मिशन क्रेडल है। अन्य ग्रह पर बसने के लिहाज से इसे अहम अभियान माना जा रहा है। तभी तो दुनिया भर के वैज्ञानिक इसे 'किसी शिशु का भले ही यह छोटा कदम हो, लेकिन मानवता के कल्याण के लिए विशाल शिशु कदम' मान रहे हैं।

महिला का चयन

इस अभियान के लिए 25 उन महिलाओं का चयन किया जाएगा जिनके गर्भधारण का समय एक दूसरे के आसपास होगा। इनमें से वह कोई एक महिला अंतरिक्ष में भेजी जाएगी जिसका प्रसव दो दिवसीय अभियान के दौरान होना एकदम सुनिश्चित होगा। महिलाओं का चयन 2022 में शुरू होगा।

चिकित्सा के होंगे पूरे इंतजाम

कंपनी के सीईओ कीस मुल्डर का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को अंतरिक्ष में भेजने से पहले उनकी पूरी मेडिकल स्क्रीनिंग होगी। इसमें महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु की पूरी चिकित्सकीय जांच की जाएगी। मिशन के दौरान गुरुत्वाकर्षण और खतरनाक विकिरण से महिला और उसके बच्चे को बचाने के पूरे इंतजाम होंगे।

ऐसे होगी पूरी प्रक्रिया?

1. सबसे पहले गर्भवती महिला का मेडिकल चेकअप कराया जाएगा।

2. इसके बाद महिला को डॉक्टरों की टीम के साथ अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

3. अंतरिक्ष में महिला का प्रसव कराया जाएगा।

4. शिशु का डॉक्टरों की टीम मेडिकल चेकअप करेगी।

5. कुछ समय बिताने के बाद मां और शिशु को वापस पृथ्वी पर भेज दिया जाएगा।

यदि इंसानों को कई सारे ग्रहों पर रह सकने वाली प्रजाति बनानी है तो उन्हें अंतरिक्ष में प्रजनन की क्षमताओं को विकसित करना ही होगा- कीस मुल्डर, सीईओ, स्पेसलाइफ ओरिजिन।

मिशन लोटस: अंतरिक्ष में कृत्रिम निषेचन

मिशन क्रेडल की तरह ही मिशन लोटस पर भी वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। इसके तहत 2021 में अंतरिक्ष में कृत्रिम मानव निषेचन कराया जाएगा। धरती से महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु अंतरिक्ष भेजे जाएंगे। वहां इनका निषेचन कराया जाएगा। भ्रूण तैयार होने पर चार दिन बाद इसे वापस धरती पर लाया जाएगा। इस अभियान में भी सामान्य गुरुत्व बरकरार रखा जाएगा जिससे कि भ्रूण को भारहीनता की स्थिति से न जूझना पड़े।


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