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स्कूल खुलने का 17 मई तक इंतजार, कक्षाओं का बदलेगा नजारा, हर कक्षा में अब 20 बच्चे ही बैठेंगे

स्कूल जब भी खुलेंगे तो उनकी कक्षाओं का नजारा बदला सा रहेगा। प्रत्येक कक्षाओं में औसतन 40 से 45 बच्चों की जगह अब सिर्फ 20 बच्चे ही बैठेंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 08:42 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 12:38 AM (IST)
स्कूल खुलने का 17 मई तक इंतजार, कक्षाओं का बदलेगा नजारा, हर कक्षा में अब 20 बच्चे ही बैठेंगे
स्कूल खुलने का 17 मई तक इंतजार, कक्षाओं का बदलेगा नजारा, हर कक्षा में अब 20 बच्चे ही बैठेंगे

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय विद्यालय सहित सीबीएसई से जुड़े देश भर के स्कूलों में बच्चों के प्रवेश की राह देख रहे लोगों को फिलहाल अब लॉकडाउन के खुलने तक का इंतजार करना पड़ेगा। सरकार ने लॉकडाउन तक सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का फैसला लिया है। जिसे अब तीन मई से बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया है। हालांकि इस बीच पूरी प्रवेश प्रक्रिया को ऑनलाइन शुरु करने की भी तैयारी की जा रही है, लेकिन सभी लोगों के पास इंटरनेट की उपलब्धता को न देखते हुए केंद्रीय विद्यालय जैसे संगठन ने प्रवेश प्रक्रिया को फिलहाल लॉकडाउन तक स्थगित ही रखने का फैसला लिया है।

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एचआरडी मंत्रालय के सुरक्षा मानक स्कूल खुलने पर अनिवार्य रूप से होंगे लागू

वहीं कोरोना के खतरे को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों के लिए नए सुरक्षा मानकों को तय करने को लेकर भी काम शुरु कर दिया है। जिसे स्कूलों के खुलने पर अनिवार्य रूप से लागू करना होगा। इनमें शारीरिक दूरी के लिहाज क्लास रूम की क्षमता को नए सिरे से तय करने सहित पुस्तकालयों में एक समय में बच्चों की मौजूदगी, उनके आने-जाने की व्यवस्था आदि को शामिल किया गया है।

सभी स्कूलों को गाइड लाइन भेज दी जाएगी: एचआरडी मंत्रालय

मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों के खुलने से पहले ही सभी स्कूलों को यह गाइड लाइन भेज दी जाएगी, ताकि वह उस लिहाज अपनी तैयारी पूरी कर सकें। हालांकि स्कूलों में अब कोई भी शैक्षणिक गतिविधि गर्मी की छुट्टियों के बाद ही शुरु होगी।

कक्षाओं का बदलेगा नजारा, प्रत्येक कक्षा में अब सिर्फ 20 बच्चे ही बैठेंगे

सरकार की इस तैयारी से साफ है कि कोरोना संकट काल के बाद स्कूल जब भी खुलेंगे, तो उनकी कक्षाओं का नजारा बदला सा रहेगा। यानि प्रत्येक कक्षाओं में औसतन 40 से 45 बच्चों की जगह अब सिर्फ 20 बच्चे ही बैठेंगे।

बच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए स्कूलों की कैंटीन से गायब होंगे जंक फूड

इसी तरह बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूलों की कैंटीन में बच्चों को जंक फूड की जगह ऐसे फूड उपलब्ध कराए जा सकते है, जो उनकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में सहायक हो। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक स्कूल कब तब बंद रहेंगे, यह कहना अभी मुश्किल होगा।

लॉकडाउन खत्म होने के बाद पहली और छठवीं कक्षाओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी

लॉकडाउन खत्म होने के बाद पहली और छठवीं जैसी कक्षाओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया जरूर शुरू हो जाएंगे। ताकि इन सभी बच्चों को भी टेलीविजन सहित दूसरे माध्यमों से घर पर ही पढ़ाई शुरू कराई जा सके। केंद्रीय मंत्री निशंक की अभिभावकों के साथ चर्चा में पिछले दिनों अभिभावकों ने बच्चों के प्रवेश को लेकर भी चिंता जताई थी।


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