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Vizag Gas Leak Case: विशाखापत्तनम गैस रिसाव में सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बांटने से रोका

विशाखापत्तनम में गैस रिसाव मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पास ऐसी घटनाओं के खिलाफ स्वत संज्ञान लेने की शक्तियां हैं।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 01:38 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 12:54 AM (IST)
Vizag Gas Leak Case: विशाखापत्तनम गैस रिसाव में सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बांटने से रोका
Vizag Gas Leak Case: विशाखापत्तनम गैस रिसाव में सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बांटने से रोका

नई दिल्ली, एजेंसियां । उच्चतम न्यायालय ने विशाखापत्तनम में सात मई को एलजी पॉलीमर इंडिया लिमिटेड के संयंत्र में गैस रिसाव पीडि़तों के बीच 50 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटने से आंध्र प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को 10 दिनों के लिए रोक दिया है। यह रकम कंपनी ने मुआवजा बांटने के लिए जमा कराया है। हादसे में एक नाबालिग सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति यूयू ललित, एमएम शांतनगौदर तथा विनीत सरन की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुनवाई करते हुए दक्षिण कोरियाई कंपनी के आवेदन का संज्ञान लिया।

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कंपनी ने कहा कि संयंत्र को खोलने और गैस रिसाव संबंधी जांच की तैयारी के लिए दस्तावेज प्राप्त करने की खातिर उसकी अर्जी पर सुनवाई आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित है। पीठ ने कहा, एनजीटी के शुरुआती आदेश को चुनौती दिए जाने के मद्देनजर हम अल्पकालिक अंतरिम निर्देश जारी कर मुआवजा बांटने पर 10 दिनों के लिए रोक लगा रहे हैं। आठ मई को एनजीटी ने कंपनी पर 50 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया था और गैस रिसाव की घटना पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि नियम और अन्य संवैधानिक प्रावधानों का पालन नहीं हुआ।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से कहा कि वह एलजी पॉलीमर द्वारा विशाखापत्तनम संयंत्र में प्रवेश के लिए दायर तीन आवेदनों पर अगले सप्ताह के अंत तक फैसला करे। जहरीली गैस रिसाव की घटना के मद्देनजर हाई कोर्ट ने संयंत्र को सील कर दिया है।शीर्ष अदालत ने कहा कि एलजी पॉलिमर अपने निदेशकों के पासपोर्ट जारी करने के लिए आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का रुख कर सकती है। कंपनी ने अपनी याचिका में प्लांट में प्रवेश का निर्देश देने की मांग की है, ताकि वह सात मई की घटना के मद्देनजर विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा गठित समितियों को जवाब दे सके।

7 मई को हुई थी घटना

गौरतलब है कि पिछले आर आर वेंकटपुरम गांव में स्थित फैक्ट्री से महीने 7 मई को कृत्रिम रबर बनाने में इस्तेमाल होने वाली गैस स्टीरीन के रिसाव के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और इस हादसे में 12 लोगों की जान चली गई थी। हादसा तड़के ढ़ाई बजे के करीब हुआ था, जब लोग सो रहे थे। इसी दौरान वे गैस के प्रभाव में आ गए थे। गैस तेजी से आसपास के इलाकों में फैली। नींद में ही लोग बेहोश हो गए थे। जानवर और पक्षियों पर इसका असर देखने को मिला था। एनजीटी ने इसके बाद मामले का संज्ञान लेते हुए गैस रिसाव से हुए नुकसान के लिए एलजी पॉलिमर को 50 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिए थे। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी।


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