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यूजीसी बोर्ड का अहम फैसला: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षण संस्थानों में 31 मार्च 2022 तक सभी स्कीमें रहेंगी जारी

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलावों को लेकर जुटे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़ी सभी स्कीमों को जारी रखने का फैसला लिया है। इनमें पोस्ट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप सहित कुल 32 स्कीमें शामिल हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 08:49 PM (IST)Updated: Tue, 30 Mar 2021 08:49 PM (IST)
यूजीसी बोर्ड का अहम फैसला: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षण संस्थानों में 31 मार्च 2022 तक सभी स्कीमें रहेंगी जारी
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़ी स्कीमों की हो रही समीक्षा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलावों को लेकर जुटे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़ी अपनी सभी स्कीमों को आगे भी जारी रखने का फैसला लिया है। इनमें पोस्ट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप सहित कुल 32 स्कीमें शामिल हैं। इसमें ज्यादातर फेलोशिप से जुड़ी हैं। यूजीसी ने इन सभी स्कीमों की अवधि को अब 31 मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है।

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यूजीसी बोर्ड ने इन स्कीमों को जारी रखने की दी मंजूरी

इस बीच जिन प्रमुख स्कीमों को आगे भी जारी रखने की मंजूरी दी गई है, उनमें पोस्ट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप स्कीम, भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने से जुड़े शोध को गति देने के लिए स्ट्राइड स्कीम, शोध की गुणवत्ता को परखने के लिए केयर स्कीम, यूजीसी चेयर्स, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान, ट्रैवल ग्रांट फॉर कालेज टीचर सहित दर्जनभर से ज्यादा फेलोशिप स्कीम शामिल है।

यूजीसी की जगह भारतीय उच्च शिक्षण आयोग का होगा गठन

यूजीसी का यह फैसला इसलिए भी अहम है, क्योंकि नीति से जुड़े बदलावों के बीच भी छात्रों को पहले जैसा फायदा मिलता रहेगा। हालांकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा से जुड़े जिन बड़े बदलावों की सिफारिश की गई है, उनमें यूजीसी की जगह एक भारतीय उच्च शिक्षण आयोग का गठन होना है। साथ ही इसके अधीन चार अन्य संस्थानों को भी गठन होगा जो फंडिंग, शोध, गुणवत्ता और नियामक आदि को लेकर काम करेंगे। फिलहाल शिक्षा मंत्रालय इस नए आयोग के गठन को लेकर तेजी से काम कर रहा है। मौजूदा समय में यूजीसी के पास ही उच्च शिक्षण संस्थानों को फंडिंग, नियामक आदि का अधिकार है। माना जा रहा है कि नीति के लागू होने के बाद पहले से चल रही इन स्कीमों में भी बदलाव हो सकता है।


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