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भारत और ब्रिटेन ने 10 वर्षो के रिश्तों का बनाया रोडमैप, पीएम मोदी और जॉनसन के बीच हुई वर्चुअल शिखर वार्ता

दोनों नेताओं ने भारत व ब्रिटेन के रिश्तों के लिए अगले 10 वर्षों का एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तय कर दिया है। यह रोडमैप दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय कारोबार को दोगुना करेगा भारत के पढ़े लिखे व प्रशिक्षित पेशेवरों के लिए ब्रिटेन के दरवाजे और खोलेगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 06:55 AM (IST)
भारत और ब्रिटेन ने 10 वर्षो के रिश्तों का बनाया रोडमैप, पीएम मोदी और जॉनसन के बीच हुई वर्चुअल शिखर वार्ता
वर्चुअल समिट में हिस्सा लेते हुए ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। कोविड की दूसरी लहर की वजह से भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों के बीच सीधी व्यक्तिगत स्तर पर शिखर बैठक तो नहीं हुई, लेकिन मंगलवार को जब नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच वर्चुअल शिखर बैठक हुई तो इसका नतीजा कुछ खास रहा। दोनों नेताओं ने भारत व ब्रिटेन के रिश्तों के लिए अगले 10 वर्षों का एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तय कर दिया है। यह रोडमैप दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय कारोबार को दोगुना करेगा, भारत के पढ़े लिखे व प्रशिक्षित पेशेवरों के लिए ब्रिटेन के दरवाजे और खोलेगा। दोनों देशों को रणनीतिक तौर पर बेहद करीब लाएगा। स्वास्थ्य, शिक्षा में सहयोग को बढ़ाएगा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क को प्रगाढ़ करेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक दूसरे के हितों के बीच ज्यादा सामंजस्य स्थापित करने की राह खोलेगा। यही वजह है कि ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों के नए युग की शुरआत के तौर पर चिह्नित किया है।

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पीएम मोदी ने कहा है कि हम रिश्तों को अब समग्र रणनीतिक साझेदारी की तरफ ले जाएंगे। अभी तक भारत ब्रिटेन को सिर्फ रणनीतिक साझेदार मानता रहा है। लेकिन पीएम मोदी की तरफ से ब्रिटेन को समग्र रणनीतिक साझेदार का दर्जा देना दोनों देशों के लिए एक दूसरे की बढ़ती अहमियत को बताता है।

वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को किया जाएगा दोगुना

दोनों देशों के बीच मंगलवार को नौ समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए हैं। इनमें एक समझौता मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता की शुरआत को लेकर है। इसके लिए जल्द ही दोनों देशों के उद्योग व वाणिज्य मंत्रालयों की अगुआई में बातचीत शुरू होगी और इसे जल्द ही अंजाम भी दिया जाएगा। अभी लक्ष्य यह रखा गया है कि वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को दोगुना किया जाए।

3,000 प्रशिक्षित भारतीयों को ब्रिटेन अपने यहां देगा रोजगार

एक दूसरा समझौता माइग्रेशन व मोबिलिटी पार्टनरशिप से संबंधित है, जो भारत से पढ़े लिखे प्रशिक्षित लोगों को ब्रिटेन जाने की राह आसान करेगा। फिलहाल ब्रिटेन अगले दो वर्षों के भीतर 3,000 प्रशिक्षित भारतीयों को अपने यहां रोजगार देगा। मोदी और जॉनसन के बीच कोविड महामारी से जुड़े पहलुओं पर भी विमर्श हुआ। कोविड से त्रस्त भारतीय जनता को ब्रिटेन ने जिस तेजी से मदद भेजी है, उसके लिए मोदी ने जॉनसन को खास तौर पर धन्यवाद दिया।

सीरम इंस्टीट्यूट ने ब्रिटेन में अपना नया प्लांट लगाने का किया एलान

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के खात्मे में इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन के निर्माण व विकास से लेकर नाक से दी जाने वाली वैक्सीन के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा हुई है। भारत की वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने ब्रिटेन में अपना नया प्लांट लगाने का एलान किया है। इस पर वह 24 करोड़ पाउंड का निवेश करेगा जिससे ब्रिटेन में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसको लेकर भी दोनों नेताओं में चर्चा हुई है कि किस तरह से भविष्य में दूसरी महामारियों की रोकथाम व उनसे जुड़ी वैक्सीन निर्माण को लेकर अभी से सहयोग का एक ढांचा बनाया जा सकता है।

नीरव मोदी और विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठा

मोदी की तरफ से भारत में आर्थिक अपराध कर ब्रिटेन में छिपे नीरव मोदी और विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया गया। मोदी ने कहा है कि ब्रिटेन को इन अपराधियों को शीघ्र भारत भेजने में मदद करनी चाहिए। दोनों नेताओं के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग के कई आयामों पर चर्चा हुई है। दोनों देश पहले ही यह इच्छा जता चुके हैं कि वह कुछ रक्षा उपकरणों व आधुनिक हथियारों का साझा उत्पादन करना चाहते हैं। दोनों देशों की तीनों सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग को लेकर भी बात हुई है।

मोदी और जॉनसन के बीच अफगानिस्तान के हालात और आतंकवाद पर सहयोग को लेकर भी बात हुई है। आतंकवाद के खिलाफ भारत और ब्रिटेन के बीच पहले ही से काफी नजदीकी सहयोग चल रहा है। हिद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को प्रगाढ़ करने की इच्छा फिर से दोनों पक्षों की तरफ से जताई गई है। ब्रिटेन ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का पुरजोर समर्थन करता है। दोनों देशों ने इस बारे में परिचर्चा शुरू करने की मांग विश्व बिरादरी से की है। पर्यावरण सुरक्षा एक अन्य मुद्दा है, जिसको लेकर मोदी और जॉनसन ने मौजूदा सहयोगात्मक ढांचे को और विस्तार देने का निर्देश दिया है।


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