कश्मीर में फिर भड़की हिंसा, 80 घायल, एसपी व डीएसपी सहित 45 पुलिसकर्मी शामिल
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच दिनभर जारी रहीं झड़पों में एक एसपी व डीएसपी सहित 80 लोग घायल हो गए।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में एक दिन की शांति के बाद बुधवार को फिर हिंसा भड़क उठी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच दिनभर जारी रहीं झड़पों में एक एसपी व डीएसपी सहित 80 लोग घायल हो गए। घायलों में 45 पुलिसकर्मी व 35 प्रदर्शनकारी शामिल हैं। दो घायलों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। इस बीच, अलगाववादियों के बंद के आह्वान पर 117वें दिन भी वादी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा।
कश्मीर में गत मंगलवार को स्थिति लगभग शांत रही थी। किसी जगह कोई बड़ी हिंसक घटना नहीं हुई और न ही राष्ट्रविरोधी जलूस निकले थे। अलबत्ता, बुधवार को स्थिति कुछ बदल गई। दोपहर बाद तक बंद का असर अन्य दिनों की तरफ सिर्फ दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों व शिक्षण संस्थानों तक ही सीमित रहा।
सार्वजनिक वाहन भी बंद रहे, लेकिन सड़कों पर निजी वाहनों और रेहड़ी-फड़ी वालों की तादाद लगातार बढ़ती नजर आई। सरकारी कार्यालय और बैंक भी खुले, लेकिन दिनभर विभिन्न इलाकों में हुई हिंसक झड़पों का असर शाम को नजर आया, जब अलगाववादियों के बंद में राहत के एलान के बावजूद कहीं दुकानें नहीं खुली, अगर खुली तो हिंसक तत्वों ने पथराव कर उन्हें बंद करा दिया।
गिलानी के घर में नहीं होने दी बैठक
अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने की रणनीति तय करने के लिए कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी की मीरवाइज मौलवी उमर फारूक व यासीन मलिक के साथ बैठक नहीं हो पाई। अलबत्ता, मलिक और मीरवाइज ने फोन पर ही चर्चा की। यह बैठक गिलानी के घर में ही होनी थी। मीरवाइज बैठक में शरीक होने के लिए जैसे ही अपने घर से निकले, बाहर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें नजरबंदी का हवाला देते हुए भीतर लौटने पर मजबूर कर दिया। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक किसी तरह गिलानी के घर के बाहर तक पहुंच गए। वहां पुलिस कर्मियों ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया।