कोरोना का खौफ, गोवा के कई गांवों ने लगाया लॉकडाउन, सरकार ने आने वालों को दिया यह विकल्प
कोरोना के खौफ से गोवा कई गांवों ने एहतियाती तौर पर लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। वहीं सरकार का कहना है कि राज्य में इस तरह के लॉकडाउन की जरूरत नहीं है।
पणजी, पीटीआइ। गोवा में कोरोना के खौफ से सत्तारी और बिचोलिम तालुका के कई गांवों ने एहतियाती तौर पर चार दिन के लिए लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। कर्नाटक सीमा से सटे सत्तारी के केरी गांव में मंगलवार को यह फैसला लिया गया। बाद में मोरलेम में बंद आयोजित किया गया। इस दौरान बिचोलिम तालुका और संखालिम क्षेत्र की दुकानें बंद रहीं। संखालिम मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का निर्वाचन क्षेत्र है। केरी गांव पंचायत के सदस्य लक्ष्मण गावास ने उनके गांव के साथ साथ अन्य गांवों में कम से कम चार दिन तक लॉकडाउन जारी रहेगा।
वहीं गोवा सरकार ने कहा है कि इस तरह के लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। राज्य की स्वास्थ्य सचिव नीला मोहनन ने बुधवार को कहा कि सरकार को पता चला है कि कुछ गांव इस तरह की पाबंदियां लगा रहे हैं लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं है। वहीं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि बृहस्पतिवार से राज्य में आने वाले लोगों के पास कोरोना जांच नहीं कराने का विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में दाखिल होने वाले जो लोग कोरोना जांच नहीं कराएंगे उनको 14 दिन घर पर ही आइसोलेशन में रहना होगा।
मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि राज्य में बाहर से आने वालों की संख्या में बढोतरी के चलते जांच केंद्र पर दबाव पड़ रहा है जिसे देखते हुए सरकार ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गोवा पहुंचने पर जो लोग जांच कराना चाहेंगे उन्हें जांच नतीजे आने तक सरकार के केंद्र में रहना होगा। उन्होंने बताया कि राज्य में दाखिल होने वाले लोग आईसीएमआर से जुड़ी किसी भी प्रयोगशाला से संक्रमण नहीं होने की रिपोर्ट दिखा सकते हैं। यह रिपोर्ट राज्य में दाखिल होने के 48 घंटे के भीतर की होनी चाहिए।
कोरोना से लड़ाई के लिए फंड की कमी नहीं हो इसके लिए गोवा सरकार की कैबिनेट ने दिसंबर 2020 तक नई भर्तियां नहीं करने, अनावश्यक विदेश और घरेलू यात्राओं पर अंकुश लगाने का फैसला किया है। इस कवायद में सरकारी अधिकारियों के बिजनेस क्लास सफर पर भी अंकुश लगाया जाएगा। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, गोवा में कोरोना संक्रमण के 292 मामले हैं जिनमें 21 लक्षण वाले मामले हैं। राहत की बात यह है कि किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया है।