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ग्वालियर के आसपास था विकास का मूवमेंट, पुलिस की बड़ी चूक से निकल गया उज्जैन

कुख्यात गैंगेस्टर विकास दुबे के उज्जैन पहुंचने से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि ग्वालियर और उसके आसपास के जिलों में उसका मूवमेंट था। इसे लेकर पुलिस के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 01:25 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 01:29 PM (IST)
ग्वालियर के आसपास था विकास का मूवमेंट, पुलिस की बड़ी चूक से निकल गया उज्जैन
ग्वालियर के आसपास था विकास का मूवमेंट, पुलिस की बड़ी चूक से निकल गया उज्जैन

ग्वालियर,जेएनएन। 'मैं, विकास दुबे हूं कानपुर वाला'  उज्जैन महाकाल मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद गैंगस्टर विकास दुबे ने कुछ इस तरह शोर मचाकर खुद को वहां होने की घोषणा की। कुख्यात गैंगेस्टर के उज्जैन पहुंचने से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि ग्वालियर और उसके आसपास के जिलों में उसका मूवमेंट था। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया ने अपने खबर में इसकी जानकारी दी थी कि वह लगातार यहां सक्रिय था और इस बात की आशंका थी कि वह मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोक नगर गुना के रास्ते उज्जैन पहुंच सकता है। यह यहां की पुलिस के लिए बड़ी चूक है। इससे ग्वालियर-चंबल पुलिस के दावों और इंटेलीजेंस की सतर्कता की पोल खुल गई है। साथ ही कई सवाल खड़े रहे हैं, जिनका जवाब फिलहाल पुलिस के पास नहीं है।  

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2 दिन ग्वालियर में रुकने की खबर से पुलिस की किरकिरी

फरीदाबाद के एक होटल में विकास दुबे की मौजूदगी की सूचना पर जब फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने जब दबिश दी तो विकास वहां से बचकर भाग निकला, लेकिन उसके दो साथी पकड़े गए। होटल और उसके आसपास विकास के फुटेज मिले थे। इसके बाद यह खुलासा हुआ कि ग्वालियर में विकास दो दिन रहा था। इस सूचना के बाद से पुलिस हाई अलर्ट पर थी। विकास इसके बाद भी इसी रास्ते से फरीदाबाद से वापस उज्जैन पहुंच गया, जहां उसने आज सरेंडर किया। इससे ग्वालियर-चंबल अंचल की पुलिस पर बहुत सवाल खड़े हो रहे हैं।

भिंड के एक बदमाश व ग्वालियर के रिश्तेदार की तलाश

नई दुनिया के अनुसार इंटेलीजेंस इनपुट में इस बात की जानकारी मिली थी कि भिंड के एक बदमाश के साथ उसने जेल में कुछ समय गुजारा था। इसके अलावा ग्वालियर में उसका एक रिश्तेदार भी था, जिसने उसकी मदद की। लेकिन पुलिस अभी तक उनके बारे में कुछ पता नहीं लगा सकी है। इसे लेकर चंबल के आइजी मनोज कुमार शर्मा,  ग्वालियर जोन के आइजी राजाबाबू सिंह सिर्फ दावा ही करते रह गए।


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