मैंने कोई लोन डायवर्ट नहीं किया है, मीडिया को जवाब नहीं दूंगा: माल्या
कोर्ट ने विजय माल्या को राहत देते हुए उसे 4 दिसंबर तक की जमानत दी है। मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी।
नई दिल्ली/लंदन(एएनअाई)। भारत में कई बैंकों से कर्ज लेकर फरार विजय माल्या को ब्रिटेन की एक अदालत ने चार दिसंबर तक जमानत दे दी। उनके खिलाफ प्रत्यर्पण मामले की मंगलवार को सुनवाई हुई। भारत में वांछित और अदालत से भगोड़ा करार दिए जा चुके कारोबारी ने कहा कि उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे 61 वर्षीय कारोबारी वेस्टमिनिस्टर मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में हाजिर हुए थे। मुख्य मैजिस्ट्रेट एम्मा लुइस अब्रुथनोट ने माल्या को चार दिसंबर तक जमानत देते हुए अगली सुनवाई छह जुलाई तय की है।
किंगफिशर एयरलाइंस के 9000 करोड़ रुपये के कर्ज डिफाल्टर मामले में माल्या भारत में वांछित हैं। वह मार्च 2016 में भारत से ब्रिटेन भाग निकले। स्काटलैंड यार्ड ने प्रत्यर्पण वारंट पर 18 अप्रैल को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कुछ घंटों बाद 650,000 पौंड के बांड पर उन्हें शर्तो के साथ छोड़ा गया। उन्हें पासपोर्ट सौंपने और कोई यात्रा दस्तावेज साथ नहीं रखने को कहा गया था। शुरू में प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई 17 मई को होनी थी, लेकिन बाद में तारीख 13 जून तक बढ़ा दी गई थी।
यदि डिस्टि्रक जज ने प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला सुनाया तो ब्रिटेन के गृह मंत्रालय को दो महीने के भीतर माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश जारी करना होगा। हालांकि इस स्थिति तक पहुंचने से पहले मामला अपील के चरणों से गुजरेगा। भारत और ब्रिटेन के बीच 1992 से प्रत्यर्पण संधि है, लेकिन अभी तक केवल एक ही प्रत्यर्पण हो पाया है।
इससे पहले मामले की सुनवाई 17 मई को होनी थी जो आज तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय का चार सदस्यीय दल मई महीने की शुरूआत में लंदन गया था। सीपीएस सीबीआई और ईडी की ओर से मुहैया कराए गए दस्तावेजों के आधार पर दलीलें देगी। पूर्व किंगफिशर एयरलाइंस के 61 वर्षीय प्रमुख माल्या ने भारत के विभिन्न बैंकों से 9000 करोड़ रूपए से अधिक का कर्ज लिया हुआ है।
वह पिछले साल मार्च से ही ब्रिटेन में रह रहे हैं। इसी साल 18 अप्रैल को स्कॉटलैंड यार्ड ने धोखाधड़ी के आरोपों में माल्या को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद ब्रिटिश अदालतों में आधिकारिक प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद माल्या को सशर्त जमानत पर छोड़ दिया गया था।
उन्होंने 6.5 लाख पाउंड का जमानती बॉण्ड भरने के अलावा अदालत को यह आश्वासन दिया था कि वह प्रत्यर्पण से जुड़ी सभी शर्तों का पालन करेंगे। इन शर्तों में पासपोर्ट समर्पित करना और कोई भी यात्रा दस्तावेज रखने के प्रतिबंध का पालन करना शामिल है।
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