दिल्ली समेत सभी एम्स के कामकाज में निगरानी के लिए नियुक्त होंगे सतर्कता अधिकारी
20 नए एम्स खुलने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए सभी के कामकाज पर नजर रखना आसान नहीं होगा।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। एम्स की बढ़ती संख्या के बाद सरकार उनमें निगरानी तंत्र को दुरूस्त करने में जुट गई है। जहां एक ओर सभी एम्स के कामकाज में एकरूपता लाने के लिए 'सेंट्रल इंस्टीट्यूट बॉडी आफ एम्स' का गठन किया गया है, वहीं दूसरी उनमें मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) की नियुक्ति का फैसला किया गया है। फिलहाल दिल्ली एम्स में भी सीवीओ का पद नहीं है, लेकिन अब यहां भी इसकी नियुक्ति होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले हफ्ते सेंट्रल इंस्टीट्यूट बॉडी ऑफ एम्स की पहली बैठक में सभी एम्स की कार्यप्रणाली और उसके लिए निगरानी तंत्र विकसित करने पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें सुदूर इलाकों में अलग-अलग फैले एम्स में भ्रष्टाचार के शिकायतों की जांच का मुद्दा भी उठा।
पहले केवल दिल्ली में एम्स होने के कारण सीधे स्वास्थ्य मंत्रालय इसकी निगरानी करता था। यहां गड़बडि़यों की शिकायत पर सीधे सीबीआइ को कार्रवाई के लिए सौंप दिया जाता था। इसी कारण अभी तक दिल्ली एम्स में सीवीओ की नियुक्ति नहीं की गई थी, लेकिन 20 नए एम्स खुलने के बाद मंत्रालय के लिए सभी के कामकाज पर नजर रखना आसान नहीं होगा। इसके बाद सभी एम्स में सीवीओ का पद बनाने और उसकी नियुक्ति करने का फैसला किया गया। सीवीओ की नियुक्ति नए एम्स के साथ-साथ दिल्ली एम्स में भी होगी।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोई भी एम्स में भ्रष्टाचार व अन्य गड़बडि़यों की शिकायत सीधे सीवीओ से कर सकता है। सीवीओ इन शिकायतों की पड़ताल करने के बाद जरूरत पड़ने पर सीबीआइ को आगे की जांच के लिए भेज सकता है। इसके साथ ही सीवीओ को हर शिकायत के बारे में केंद्रीय सतर्कता आयोग को भी रिपोर्ट देनी होगी। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे सभी एम्स के कामकाज में निगरानी का अचूक तंत्र तैयार हो जाएगा।