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जिस वीडियो के चलते भीड़ हिंसक हुई, सामने आई उसकी सच्चाई

महाराष्ट्र में जिस वीडियो के चलते शक के कारण उग्र भीड़ ने कुल 10 लोगों की जानें ले लीं उस वीडियो की सच्चाई अब सामने आई है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 11:08 AM (IST)
जिस वीडियो के चलते भीड़ हिंसक हुई, सामने आई उसकी सच्चाई
जिस वीडियो के चलते भीड़ हिंसक हुई, सामने आई उसकी सच्चाई

मुंबई (जेएनएन)। महाराष्ट्र के धुले जनपद में में पिछले दिनों बच्चा चोर गैंग का सदस्य होने के शक में ग्रामीणों की उग्र भीड़ ने पांच लोगों को पीट-पीट कर मार डाला था। जानकारी के मुताबिक, बच्चा चोरी के संदेह में पूरे महाराष्ट्र में उग्र भीड़ ने कुल 10 लोगों की जान ले ली। दरअसल बच्चा चोरी की यह अफवाह एक वीडियो के जरिए फैली थी उस वीडियो की सच्चाई अब जाकर सामने आई है। 

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सीरिया का था यह वीडियो
इन घटनाओं के पहले जारी हुए एक वीडियो में कुछ बच्चों के शव को दिखाया गया था। इस वीडियो के साथ चल रहे वॉइसओवर में कहा जा रहा था कि इन बच्चों को चोर गैंग ने मार डाला, वीडियो में इस बात का दावा किया जा रहा था कि बच्चों के अंगों की तस्करी करना उनका मकसद था। जबकि सच्चाई यह निकल कर सामने आ रही है कि यह वीडियो सीरिया का है। पांच साल पहले 2013 में वहां हुए एक नर्व गैस अटैक में ये बच्चे मारे गए थे। 

बूमलिव.इन वेबसाइट जिसपर यह वीडियो डाला गया है उसके एडिटर जेन्सी जैकब ने बताया कि यह वीडियो 2013 का है जब सीरिया में एक नर्व गैस अटैक में ये बच्चे मारे गए थे, और जिन बच्चों के शवों को दिखाया गया है वे सीरियाई बच्चे हैं। जैकब ने बताया कि अब दुर्भाग्यवश यह वीडियो वायरल हो गया है जिसके बाद इसके ये भयानक परिणाम सामने आए हैं।  

पाकिस्तान का यह वायरल वीडियो भी बना वजह
भारत में वायरल हुआ ये और वीडियो दरअसल पाकिस्तान के कराची शहर का है। पूरा वीडियो देखें तो साफ हो जाता है कि ये किडनैपिंग का नहीं बल्कि बच्चों की हिफाजत को बढ़ावा देने के लिए तैयार किये गए एक सोशल कैंपेन का वीडियो है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो का आख़िरी हिस्सा हटाकर इसे वायरल किया गया। वीडियो के आखिर में ये संदेश दिया गया था कि कराची में घर से बाहर खेलने निकले बच्चों का चोरी होना बेहद आसान है, इसलिए उनकी हिफाजत करें। इस वीडियो को कराची एडवरटाइज़िंग नाम की एक कंपनी ने तैयार किया था। वीडियो के निर्माता हैरान हैं कि भारत में कैसे इस वीडियो का ग़लत इस्तेमाल किया गया।

महाराष्ट्र में ही कुल 10 मौतें
आपको बता दें कि इस फेक वीडियो के चलते पूरे देश में 20 लोगों की मौतें हुईं। इसमें केवल महाराष्ट्र में ही 10 लोगों की जानें गईं। सबसे पहले मालेगांव में दो आदमियों को उग्र भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला, इस वीडियो को मराठी में बनाया गया था, जिसमें कहा जा रहा है कि ये दोनों आदमी धुले जिले के सकरी गांव में बच्चा चोरी का प्रयास कर रहे थे। जबकि पुलिस ने कहा कि इस प्रकार की कोई भी किडनैपिंग की घटना रिपोर्ट नहीं की गई है। इस घटना के बाद धुले, नासिक और नांदुरबर जैसी दूरस्थ इलाकों में काफी तनाव बढ़ जाने के कारण ऐसी खबरें आईं। छह वर्षीय बच्ची से बात करते हुए एक शख्स को शक के कारण भीड़ ने पीटकर मार डाला। उन्होंने उस शख्स के उपर चप्पलों, डंडों और पत्थरों से वार कर उसकी जान ले ली।

सरकार ने दिए सख्त आदेश
वहीं महाराष्ट्र की अन्य बड़ी घटना में 3000 लोगों की उग्र भीड़ ने पांच लोगों को निशाने पर लिया। जब तक पुलिस पहुंची उन लोगों ने उन पांचों की जान ले ली थी। इस जुर्म के लिए 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

हालांकि पुलिस को अब तक इस बात का सुराग नहीं मिला है कि इस प्रकार के फेक वीडियोज को फैलाने के पीछे किसका हाथ है। गुरुवार को केंद्र ने राज्यों को इस तरह की घटनाओं को सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस को राज्य के सभी व्हाट्सअप ग्रुप को छानने के आदेश दिए हैं। 


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