अहमद पटेल की जीत से कांग्रेस की संघर्ष क्षमता लेगी नई करवट
गुजरात में बेहद मुश्किल हालात में अहमद पटेल की जीत ने लगभग सो चुकी कांग्रेस को नींद से जगा दिया है।
नई दिल्ली, [संजय मिश्र]। गुजरात में बेहद मुश्किल हालात में अहमद पटेल की जीत ने लगभग सो चुकी कांग्रेस को नींद से जगा दिया है। इस जीत ने कांग्रेस की संघर्ष क्षमता की नई उम्मीद नजर आने लगी है। कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले अहमद पटेल की जीत से पार्टी के अंदरूनी समीकरणों के नए सिरे से आकार लेने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बुधवार को आया बयान पार्टी की बदली मनोदशा को जाहिर करता है।
सोनिया ने कहा, 'काफी तनाव का माहौल था। जीत से खुश हैं और राहत मिली है।' गुलाम नबी आजाद, पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह सरीखे नेताओं ने भी कुछ ऐसा ही संदेश देने की कोशिश की इससे कांग्रेस की संघर्ष क्षमता नई करवट लेगी। इस नतीजे का असर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति पर भी प़़डने की चर्चा गरम है। इसमें अब संदेह की गुंजाइश नहीं कि कांग्रेस की भीतरी सियासत में अहमद पटेल पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे। वहीं दिल्ली में चुनाव आयोग में जाने से लेकर राजनीतिक ल़़डाई ल़़डने में पुराने दिग्गजों की अहम भूमिका के बाद माना जा रहा कि पार्टी में इनकी प्रासंगिकता कहीं ज्यादा ब़़ढ गई है।
ऐसे बदल गया था गणित
कांग्रेस के बागी विधायक भोला भाई और राघव भाई के वोट रद्द होने के बाद जीत के लिए जरूरी आंक़़डे में बदलाव हो गया। पहले 176 विधायकों के मतों की गिनती होनी थी, जिसमें अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 वोटों की जरूरत थी। लेकिन, दो वोट रद्द होने के बाद मतों की गिनती 174 विधायकों के आधार पर हुई। ऐसे में जीत के लिए 43.5 वोट ही चाहिए थे। अहमद पटेल को 44 वोट मिले और वह 0.50 वोट से जीत गए। अहमद पटेल को जो 44 वोट मिले, उनमें कांग्रेस के 41, जदयू का एक, राकांपा का एक और भाजपा के बागी विधायक का एक वोट शामिल था।
शाह का विस से इस्तीफा
राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। शाह पहली बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए हैं।
शाह, ईरानी के रास पहुंचने से ताकत ब़़ढी, संख्या नहीं
नई दिल्ली, एजेंसी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के रास सदस्य चुने जाने से इस सदन में भाजपा की ताकत तो ब़़ढ गई है, लेकिन संख्या बल नहीं ब़़ढेगा। हालांकि भाजपा गोवा के रास चुनाव में विनय तेंडुलकर की जीत के साथ ही रास में सबसे ब़़डी पार्टी बन चुकी है। वहीं मप्र से जीती संपतिया उइके पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे का स्थान लेंगी। माधव के निधन यह सीट रिक्त हुई थी।
रास में राजग की 101 तो विपक्ष की 113 सीटें
-245 सदस्यों वाले उच्च सदन में राजग के 101 तो विपक्ष के 113 सदस्य हैं। अब भी सरकार के पास इस सदन में बहुमत नहीं है।
-भाजपा सबसे ब़़डी पार्टी बन गई है। उसके अब 58 सदस्य हो गए हैं।
-अब तक सबसे ब़़डा दल रही कांग्रेस नंबर-2 होकर उसके 57 सदस्य हैं।
-अहमद पटेल की जीत से भी उनकी सीट बरकरार रही है, कांग्रेस की संख्या नहीं ब़़ढी।
-स्मृति पटेल ने सीट कायम रखी तो अमित शाह 18 अगस्त को रिटायर होने वाले दिलीप भाई पांड्या का स्थान लेंगे।
-पश्चिम बंगाल में भी ऐसा ही हुआ। राज्य में सत्तारू़ढ तृणमूल ने 5 सीटें कायम रखीं वहीं उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 1।
ताजा चुनावों के बाद रास की दलीय स्थिति
कुल सदस्य 247
भाजपा 58
कांग्रेस 57
सपा 18
अन्नाद्रमुक 13
तृणमूल 13
जदयू 10
बीजद 8
माकपा 7
तेदेपा 6
बसपा 5
राकांपा 5
द्रमुक 4
शिवसेना 3
अकाली दल 3
टीआरएस 3
राजद 3
पीडीपी 2
अन्य 17
मनोनीत 6
रिक्त 2
अमित शाह ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया
गुजरात में भाजपा 150 सीटें जीतेंगी
अहमदाबाद, एजेंसी। राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बतौर विधायक अपने आखिरी भाषण में शाह ने गुजरात में भाजपा शासन की उपलब्धियां गिनवाने के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के बारे में भी बताया। उनका कहना था कि गुजरात में भाजपा का शासन स्वर्णिम काल है। इससे पहले शाह ने विस स्पीकर रमन वोरा के निवास स्थान पर जाकर उन्हें अपना त्यागपत्र सौंपा। राज्यसभा चुनाव को लेकर उनका कहना था कि भाजपा प्रत्याशी बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीद के मुताबिक वोट नहीं मिल सके।
125 सीटें जीतेंगे : कांग्रेस
उधर, कांग्रेस के 43 विधायकों ने बैठकर करके शपथ ली कि विधानसभा चुनाव में 125 सीटें पार्टी को जिताएंगे। पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि अहमद भाई ([पटेल)] के नेतृत्व में पार्टी और ज्यादा मजबूती से काम करेगी।