यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को तीन महीने का वैतनिक अवकाश
नए नियमों के अनुसार, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत किसी पीडि़त सरकारी कर्मचारी को 90 दिनों की अवधि तक विशेष अवकाश दिया जा सकता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को जांच लंबित रहने के दौरान अब तीन महीने का वैतनिक अवकाश (पेड लीव) मिलेगा। इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने हाल ही में सेवा नियमों में संशोधन किया है।
नए नियमों के अनुसार, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत किसी पीडि़त सरकारी कर्मचारी को 90 दिनों की अवधि तक विशेष अवकाश दिया जा सकता है। इनमें कहा गया है कि इन अवकाश की पीडि़त महिला की अन्य छुट्टियों से कटौती नहीं होगी। यह अवकाश केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले से मिलने वाली छुट्टियों से अतिरिक्त होगा।
नियमों में कहा गया है, इस मामले में विशेष आरोपों की जांच करने के लिए गठित स्थानीय या आतंरिक समिति की सिफारिश के आधार पर विशेष अवकाश दिया जाएगा। डीओपीटी ने नए प्रावधान की मंजूरी के लिए केंद्रीय नागरिक सेवा (छुट्टी) संशोधन नियम, 2017 जारी कर दिए हैं। मालूम हो, यौन उत्पीड़न के कुछ मामलों में आरोपी द्वारा पीडि़ता पर दबाव डालने या धमकाने की कोशिश करने की शिकायतें आने के बाद यह कदम उठाया गया है।