Move to Jagran APP

यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को तीन महीने का वैतनिक अवकाश

नए नियमों के अनुसार, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत किसी पीडि़त सरकारी कर्मचारी को 90 दिनों की अवधि तक विशेष अवकाश दिया जा सकता है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 10:07 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 10:20 PM (IST)
यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को तीन महीने का वैतनिक अवकाश
यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को तीन महीने का वैतनिक अवकाश

नई दिल्ली, प्रेट्र : यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को जांच लंबित रहने के दौरान अब तीन महीने का वैतनिक अवकाश (पेड लीव) मिलेगा। इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने हाल ही में सेवा नियमों में संशोधन किया है।

loksabha election banner

नए नियमों के अनुसार, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत किसी पीडि़त सरकारी कर्मचारी को 90 दिनों की अवधि तक विशेष अवकाश दिया जा सकता है। इनमें कहा गया है कि इन अवकाश की पीडि़त महिला की अन्य छुट्टियों से कटौती नहीं होगी। यह अवकाश केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले से मिलने वाली छुट्टियों से अतिरिक्त होगा।

नियमों में कहा गया है, इस मामले में विशेष आरोपों की जांच करने के लिए गठित स्थानीय या आतंरिक समिति की सिफारिश के आधार पर विशेष अवकाश दिया जाएगा। डीओपीटी ने नए प्रावधान की मंजूरी के लिए केंद्रीय नागरिक सेवा (छुट्टी) संशोधन नियम, 2017 जारी कर दिए हैं। मालूम हो, यौन उत्पीड़न के कुछ मामलों में आरोपी द्वारा पीडि़ता पर दबाव डालने या धमकाने की कोशिश करने की शिकायतें आने के बाद यह कदम उठाया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.