वेंकैया नायडू बोले- देश में बढ़ती बिजली की मांग परमाणु ऊर्जा से पूरी होगी
उप-राष्ट्रपति एम. एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि परमाणु ऊर्जा से ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में काफी कमी आ सकती है। इससे देश में बढ़ती बिजली की मांग भी पूरी होगी।
हैदराबाद, आइएनएस। उप-राष्ट्रपति एम. एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि परमाणु ऊर्जा से ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में काफी कमी आ सकती है। इससे देश में बढ़ती बिजली की मांग भी पूरी होगी। उन्होंने इसे एक विश्वसनीय और सुरक्षित ऊर्जा विकल्प भी बताया। नायडू ने यह बात परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को यहां संबोधित करते हुए कही। इस कार्यक्रम का आयोजन संगठन के अन्वेषण एवं शोध के 70 वर्ष पूरे होने पर किया गया था।
इस दौरान उप-राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में परमाणु ऊर्जा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आधुनिक तकनीकों को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने भारत की 40 से अधिक वर्षों तक बिना किसी गंभीर घटना के अपने परमाणु बेड़े के संचालन का एक सराहा और विश्वास व्यक्त किया कि निरंतर तकनीकी प्रगति के साथ और अधिक सुरक्षा सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की परमाणु ऊर्जा में रुचि बढ़ गई है और परमाणु शक्ति का उपयोग देश को मानव और सामाजिक विकास प्राप्त करने में मदद करने के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत ने आने वाले दशकों में जानबूझकर कम कार्बन वाले विकास मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक विकल्प बनाया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करना एक बड़ी चुनौती थी। खोज में अत्याधुनिक अन्वेषण तकनीकों को अपनाने के लिए एएमडी के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कि हमारे देश में 3 लाख टन से अधिक यूरेनियम ऑक्साइड भंडार और लगभग 1,200 मिलियन टन समुद्र के रेत खनिज संसाधनों की उपलब्धता के बारे में जानकर खुशी हुई।
नायडू ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि आंध्र प्रदेश के कुडापाह बेसिन सहित देश के विभिन्न हिस्सों में एएमडी के प्रयासों से और अधिक यूरेनियम खदानें पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम से सतत विकास के लिए परमाणु खनिज संसाधनों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना संभव होगा।
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