अब्दुल करीम मामले में फैसला आज, लश्कर के लिए बम बनाने का है आरोप
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 80 वर्षीय शख्स को कोर्ट में पेश किया गया। फिलहाल वह गाजियाबाद जेल में कैद की सजा काट रहा है।
हैदराबाद, प्रेट्र। आतंकी साजिश मामले में सैयद अब्दुल करीम (Syed Abdul Karim) ऊर्फ टुंडा (Tunda) के लंबित मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा। 80 वर्षीय अब्दुल करीम पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Laskar-e-Taiyaba) के लिए बम बनाने का आरोप है। अब्दुल करीम के खिलाफ यह मामला वर्ष 1998 से चल रहा है।
भारत के खूंखार आतंकियों में से एक अब्दुल करीम ऊर्फ टुंडा है। देश में 40 से अधिक बम धमाकों के पीछे उसका हाथ माना जाता है। 26/11 बम धमाकों के लिए जिम्मेवार 20 आतंकियों में एक अब्दुल करीम भी है। लश्कर के बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम की गिरफ्तारी भारत नेपाल बॉर्डर (India Nepal Border) पर बनबासा से वर्ष 2013 के अगस्त में किया गया। वह 1996 में हरियाणा (Haryana) के सोनीपत (Sonepat) में दो बम धमाके हुए। एक सोनीपत बस स्टैंड के पास दूसरा गीता भवन चौक पर मिठाई की दुकान के पास। इस मामले में धमाके के 21 साल बाद अक्टूबर 2017 में सोनीपत की अदालत ने अब्दुल करीम के लिए उम्र कैद का फैसला सुनाया था।
वर्ष 1998 में आतंकी सलीम जुनैद समेत कई अन्य लोगों के साथ मिलकर अब्दुल करीम गणेश उत्सव के मौके पर हैदराबाद में आतंकी हमले की साजिश बना रहा था। करीम पर हैदराबाद के गणेश पंडालों में बम धमाकों की साजिश करने का भी आरोप है। बता दें कि अब्दुल करीम पर देश के विभिन्न हिस्सों में कई मामले दर्ज हैं। हैदराबाद की नामपल्ली कोर्ट में अब्दुल करीम पर 1998 में सलीम जुनैद के साथ मिलकर आतंकी हमले की साजिश रचने का मामला चल रहा है। उसपर आपराधिक साजिश रचने, हथियार और गोला-बारूद रखने के आरोप हैं। अब्दुल करीम ऊर्फ टुंडा 40 बम धमाकों का मास्टरमाइंड है। बम धमाकों के आरोप में अब्दुल करीम गाजियाबाद जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। यह 90 के दशक में बांग्लादेश से भारत आया था। अब्दुल करीम का लालन पालन भारत में ही हुआ। इसके बाद वह पाकिस्तान और फिर बांग्लादेश गया।