पाक पर बरसे नायडू, आतंकवाद एक पड़ोसी देश की राजकीय नीति
वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत के एक पड़ोसी ने आतंकवाद को 'राजकीय नीति' बना लिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू शुक्रवार को पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भारत के एक पड़ोसी ने आतंकवाद को 'राजकीय नीति' बना लिया है। वह आतंकियों को प्रशिक्षण, धन और समर्थन देकर उन्हें इस देश में भेज रहा है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 52वें स्थापना दिवस पर जवानों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि पड़ोसी देश आतंकवाद और धर्म का घालमेल करके लोगों को बांट रहा है। जबकि भारत आतंकियों को किसी धर्म के चश्मे से देखने की बजाय उन्हें मानवता का दुश्मन मानता है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की भारत सरकार की कोशिशों के बावजूद कुछ लोग घुसपैठ करने समेत कई तरह की समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुश्मन भले ही अपनी नापाक गतिविधियों को अंजाम देने पर उतारू है, लेकिन सुरक्षा बल देश पर होने वाले हमलों और आतंकी वारदातों को लगातार विफल कर रहे हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती सीमाओं की प्रभावी रूप से सुरक्षा करने के लिए बीएसएफ की प्रशंसा करते हुए वेंकैया ने कहा कि आतंकवाद के खतरे और उसके दुष्परिणामों को अब पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है। लेकिन, पड़ोसी मुल्क अभी भी उसी रास्ते पर चल रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने कभी भी किसी देश या पड़ोसी मुल्क पर बुरी नजर नहीं डाली और हमेशा ही शांति का समर्थन किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि वसुधैव कुटुंबकम और सहअस्तित्व भारत की परंपरा रही है। उन्होंने कहा, 'सभी का कल्याण हमारा नीतिवाक्य, दर्शन और धर्म है। हम इसी में विश्वास करते हैं और इसी का पालन करते हैं। हमें किसी से कोई समस्या नहीं है, लेकिन दूसरे (हमारे लिए) समस्या पैदा कर रहे हैं।' उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगों और संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र को कठोर कदम उठाने चाहिए।
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