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बहुत देर हो चुकी है, महिला आरक्षण बिल जल्द से जल्द पास हो: वेंकैया नायडू

भारत हमेशा से स्त्री प्रधान देश रहा है, इसीलिए हम भारत की धरती को भारत माता कहते हैं, पिता नहीं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 11:32 AM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 12:00 PM (IST)
बहुत देर हो चुकी है, महिला आरक्षण बिल जल्द से जल्द पास हो: वेंकैया नायडू
बहुत देर हो चुकी है, महिला आरक्षण बिल जल्द से जल्द पास हो: वेंकैया नायडू

 भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)।  उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने महिला आरक्षण बिल की धीमी रफ्तार पर एक बार फिर बहस छोड़ी है। जंबूरी मैदान पर महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा और संसद में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए विधेयक जल्द से जल्द पारित होना चाहिए। इस मामले में बहुत देर हो चुकी है।

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कोई भी दल इसका विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन बिल आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि न्यू इंडिया के निर्माण के लिए सबसे पहले महिलाओं को सशक्त करने की जरूरत है। भारत हमेशा से स्त्री प्रधान देश रहा है, इसीलिए हम भारत की धरती को भारत माता कहते हैं, पिता नहीं। समाज में कुछ कुरीतियां आई हैं, जिसे खत्म करने की जरूरत है। निर्भया कांड जैसी घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं।
शिवराज ने स्व-सहायता समूहों के लिए खोला पिटारा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को महिला स्व-सहायता समूहों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों को पांच करोड़ रुपए तक के लोन की गारंटी सरकार देगी और लोन का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी सरकार देगी। यह अनुदान तीन लाख रुपए तक होगा।
अन्य घोषणाएं
- स्व-सहायता समूह पोषण आहार बनाने की फैक्ट्री लगाने और अन्य कामों के लिए लोन ले सकेंगे। यह लोन स्व--सहायता समूहों के फेडरेशन को दिया जाएगा।
- स्व-सहायता समूहों को बैंक से लोन पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी नहीं देनी होगी।
- समूहों के फेडरेशन के अनाज भंडारण के लिए संकुल स्तर पर व्यवस्था की जाएगी।
- स्व-सहायता समूहों के उत्पाद बेचने के लिए सभी बड़े शहरों के शॉपिंग मॉल में भी दुकानें किराए से ली जाएंगी और बाजार स्थापित किए जाएंगे।
- मप्र में विकासखंड स्तर पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला के संचालन का काम भी स्व-सहायता समूहों को दिया जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्र में बिजली के बिल स्व-सहायता समूह वसूलेंगे। उन्हें छह हजार रुपए महीना और 15 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- स्कूल यूनीफॉर्म सिलाई का काम भी महिला स्व-सहायता समूहों को दिया जाएगा।
- स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार की गई जैविक खाद, जैविक कल्चर और जैविक कीटनाशक सरकार खरीदेगी और इसे किसानों को सप्लाई जाएगी।

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