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Vande Bharat Mission: कजाखिस्तान से वतन लौट रहे 168 भारतीय नागरिक

11 जून से शुरू हुए वंदे भारत मिशन के तीसरे चरण में आज कजाखिस्तान से 168 भारतीय नागरिका आएंगे वापस।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 05:20 PM (IST)
Vande Bharat Mission: कजाखिस्तान से वतन लौट रहे 168 भारतीय नागरिक
Vande Bharat Mission: कजाखिस्तान से वतन लौट रहे 168 भारतीय नागरिक

नूर-सुल्तान, एएनआइ। Vande Bharat Mission: वंदे भारत मिशन ( Vande Bharat Mission) के तहत एयर इंडिया (Air India) की विशेष उड़ान के जरिए शनिवार को कजाखिस्तान में फंसे 168 भारतीयों को वापस लाया जाएगा। नूर-सुल्तान (Nur-Sultan) से आने वाली यह उड़ान भारत की राजधानी नई दिल्ली शनिवार को पहुंचेगी। कजाखिस्तान में भारतीय दूतावास ने बताया, 'एयर इंडिया की विशेष उड़ान AI 1918 में 168 भारतीय नागरिक दिल्ली के लिए रवाना हो गए।'

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पिछले माह वंदे भारत मिशन के तहत 2 लाख 50 हजार 87 (2,50,087 ) भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया जो लॉकडाउन के कारण यात्रा प्रतिबंध लागू होने से दूसरे देशों में फंसे थे। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs, MEA) ने गुरुवार को बताया। 7 मई को शुरू हुए वंदे भारत मिशन का तीसरा चरण है। तीसरे चरण की शुरुआत 11 जून को हुई। इसके तहत भारत 550 फ्लाइटों और 191 फीडर फ्लाइटों को संचालित करेगा।

11 जून से 30 जून तक जारी वंदे भारत के तीसरे चरण में खाड़ी देशों के अलावा यूरोप व अमेरिका-कनाडा में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा। उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि तीसरे चरण में यूरोप और लंदन के लिए हर दिन दो फ्लाइट्स का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा अमेरिका कनाडा के लिए 10 अतिरिक्त फ्लाइट्स संचालित होंगी वहीं इससे इतर 70 फ्लाइट के लिए सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि इस चरण में कुल 58 फ्लाइटें खाड़ी देशों के लिए संचालित की जाएंगी जिससे लोगों की वतन वापसी होगी। इस चरण में यूरोप के लिए 80 फ्लाइट और अमेरिका-कनाडा के लिए 10 फ्लाइटें चलेंगी। कुल मिलाकर तीसरे चरण में 165 फ्लाइटें हैं।

बता दें कि पिछले साल के अंत में चीन के वुहान शहर में पहला कोविड-19 का मामला सामने आया था जो यहां के वेट मार्केट से निकले नॉवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण फैला था। इस साल मार्च तक यह दुनिया के अधिकांश देशों में फैल गया और मजबूरन विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोविड-19 का ऐलान महामारी के तौर पर करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि अब तक इस घातक वायरस से छुटकारे का कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है। लेकिन कई देश दावा करते हैं कि इस साल के अंत तक कोरोना वायरस की जोखिम से छुटकारे के लिए टीके का इजाद हो जाएगा।  


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