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Valmiki Jayanti 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाल्मीकि जयंती पर देशवासियों को दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि वाल्मीकि जयंती पर सभी को शुभकामनाएं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखासामाजिक सद्भाव समानता और न्याय पर आधारित उनके आदर्श विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 09:24 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 09:24 AM (IST)
Valmiki Jayanti 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाल्मीकि जयंती पर देशवासियों को दी शुभकामनाएं
Valmiki Jayanti 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाल्मीकि जयंती पर देशवासियों को दी शुभकामनाएं।

नई दिल्ली, एएनआइ। इस साल देशभर में आज यानी 31 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती मनाई जा रही है। प्रत्येक वर्ष वाल्मीकि जयंती आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाते हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि वाल्मीकि जयंती पर सभी को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,"सामाजिक सद्भाव, समानता और न्याय पर आधारित उनके आदर्श विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें वह कह रहे हैं, मैं महर्षि वाल्मीकि को नमन करता हूं। इस शुभ अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। महार्षि वाल्मीकि के विचारों से करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। वह लाखों करोड़ों गरीब और दलितों के लिए बहुत बड़ी उम्मीद हैं उनके भीतर आशा और विश्वास का संचार करते हैं। मोदी ने कहा कि महर्षि कहते हैं कि किस भी मनुष्य की इच्छा शक्ति अगर उसके साथ हो तो वह कई भी काम बहुत आसानी से कर सकता है।

वाल्मीकि जयंती को रामायण महाकाव्य के रचियता महर्षि वाल्मीकि के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष वाल्मीकि जयंती पर कई खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और देश के कई हिस्सों में वाल्मीकि की झाकियां भी निकाली जाती है, हालांकि इस साल कोरोना के चलते झांकियां नहीं निकाली जाएगी। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में अभी कोई भी स्पष्ट प्रमाण नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि उनका जन्म महर्षि कश्यप और अदीति के नौवें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चर्षिणी के यहां पर हुआ थआ। कहा जाता है कि महर्षि ने वाल्मीकि ने ही प्रथम श्लोक की रचनी की थी। 

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब श्री राम ने माता सीता का त्याग किया था तो उस दौरान वह कई सालों तक वाल्मीकि आश्रम में रही थीं। कहा जाता है कि माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया। इसलिए माता सीता को वन देवी भी कहा जाता है। 


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