Move to Jagran APP

30 प्रतिशत लोगों में छह महीने बाद कम हो जाती है टीके से मिली प्रतिरक्षा

एआइजी अस्पताल के चेयरमैन डा. डी नागेश्वर रेड्डी ने कहा कि उनके अध्ययन में यह सामने आया है कि लगभग 30 प्रतिशत लोगों में टीका लगवाने के छह महीने बाद एंटीबाडी का स्तर इतना कम हो जाता है कि वायरस के खिलाफ वो सुरक्षित नहीं रह जाते।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 03:20 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 03:24 AM (IST)
30 प्रतिशत लोगों में छह महीने बाद कम हो जाती है टीके से मिली प्रतिरक्षा
30 प्रतिशत लोगों में छह महीने बाद कम हो जाती है टीके से मिली प्रतिरक्षा

हैदराबाद, प्रेट्र। कोरोना वायरस के खिलाफ कम से कम 30 प्रतिशत लोगों में वैक्सीन से मिली प्रतिरक्षा छह महीने बाद खत्म हो जाती है। एआइजी अस्पताल ने एशियन हेल्थकेयर फाउंडेशन के साथ मिलकर पूर्ण टीकाकरण वाले 1,636 स्वास्थ्य कर्मियों पर किए गए अध्ययन के बाद यह जानकारी दी है।

loksabha election banner

एआइजी अस्पताल के चेयरमैन डा. डी नागेश्वर रेड्डी ने कहा कि उनके अध्ययन में यह सामने आया है कि लगभग 30 प्रतिशत लोगों में टीका लगवाने के छह महीने बाद एंटीबाडी का स्तर इतना कम हो जाता है कि वायरस के खिलाफ वो सुरक्षित नहीं रह जाते। ऐसे लोगों में गंभीर रोगों से ग्रस्त और 40 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि जितने लोगों पर अध्ययन किया गया उनमें से छह प्रतिशत में तो एंडीबाडी बनी ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि अध्ययन से साफ है कि ज्यादा उम्र के लोगों में एंटीबाडी जल्द कमजोर पड़ती है, जबकि युवाओं में यह लंबे समय तक बनी रहती है। 

दवा नियामक की एक विशेषज्ञ समिति ने बुधवार को कोविड रोधी टीकों-कोविशील्ड और कोवैक्सीन को कुछ शतरें के साथ खुले बाजार में बेचने की अनुमति देने की सिफारिश की। अनुशंसा को अंतिम मंजूरी के लिए भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) को भेजा जाएगा। अभी देश में इन टीकों के आपात इस्तेमाल की मंजूरी है।कोविशील्ड का उत्पादन करने वाली सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया और कोवैक्सीन का उत्पादन करने वाली भारत बायोटेक ने डीसीजीआइ को अपने कोविड रोधी टीकों के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए आवेदन जमा किए थे।

सीरम के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआइ को एक आवेदन दिया था। उसके बाद उन्होंने मांगे गए अतिरिक्त डाटा भी प्रस्तुत किया था। भारत बायोटेक ने भी कुछ हफ्ते पहले डीसीजीआइ की तरफ से मांगी गई अन्य जानकारी मुहैया कराई थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बुधवार को दूसरी बार सीरम और भारत बायोटेक के आवेदनों की समीक्षा की और कुछ शर्तों  के साथ कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन को नियमित विपणन की मंजूरी देने की सिफारिश की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.