अगले साल के शुरू में ही उपलब्ध हो सकेगी कोई वैक्सीन, संसद की स्थायी समिति को दी गई जानकारी
कोरोना संक्रमण के खिलाफ कारगर कोई भी वैक्सीन अगले साल के शुरू में ही उपलब्ध हो पाएगी। यह जानकारी शुक्रवार को संसद की स्थायी समित की बैठक में दी गई।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना संक्रमण के खिलाफ कारगर कोई भी वैक्सीन अगले साल के शुरू में ही उपलब्ध हो पाएगी। यह जानकारी विज्ञान एवं तकनीक और पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर संसद की स्थायी समित की बैठक में दी गई। स्थायी समिति की यह बैठक लॉकडाउन के कारण करीब साढ़े तीन माह बाद शुक्रवार को हुई। बैठक में विज्ञान एवं तकनीक, बायो टेक्नोलॉजी विभाग, भारतीय विज्ञान एवं अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) और सरकार के प्रमुख वैज्ञानिकों ने उक्त जानकारी स्थायी समिति के सदस्यों के समक्ष अपने प्रस्तुतीकरण में रखी।
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने की। उनके अलावा छह और सदस्य इसमें शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि बैठक में कोरोना की वैक्सीन पर चर्चा होने पर सदस्यों को बताया गया कि अगले साल की शुरआत में ही यह उपलब्ध हो सकती है। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने एक ट्वीट करके संसदीय समिति की बैठकें फिर शुरू होने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि 23 मार्च को संसद की आखिरी बैठक के साढ़े तीन महीने बाद विभागों से संबंधित स्थायी संसदीय समितियों ने कामकाज फिर से शुरू कर दिया है।
हाल ही में बेंगलुरु स्थित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंस यानी आइएएससी ने भी कहा था कि 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन लांच करने का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) का लक्ष्य वास्तविकता से परे है। आइएएससी ने कहा था कि भले ही वैक्सीन की तत्काल जरूरत है लेकिन इंसानों पर इसके इस्तेमाल से पहले उसका कई चरणों में परीक्षण करने की जरूरत होती है। आइएएससी ने आइसीएमआर के उस पत्र का उल्लेख किया था जिसमें वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर 15 अगस्त तक वैक्सीन लॉन्च किए जाने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि हैदाराबाद स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी जाइडस कैडिला हेल्थकेयर लि. ने भी कोविड-19 वैक्सीन बनाने की बात कही है। यही नहीं ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India, DCGI) ने जाइडस कैडिला को इस वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल को मंजूरी भी दे दी है। इंसानों पर परीक्षणों के लिए अनुमति हासिल करने वाली जाइडस कैडिला देश की दूसरी कंपनी है। इससे पहले हैदराबाद की भारत बायोटेक को ऐसे ट्रायल की इजाजत मिली थी। दोनों ही दवा कंपनियों का दावा है कि उनकी वैक्सीन जानवरों पर किए गए ट्रॉयल में कारगर साबित हुई हैं।