वीके सिंह से छीना जाए कर्नल ऑफ राजपूत रेजीमेंट का ओहदा
जम्मू-कश्मीर के नेताओं को सेना द्वारा पैसा दिए जाने के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के बयान से नाराज केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने उनसे कर्नल ऑफ राजपूत रेजीमेंट का ओहदा छीन लेने की मांग की है। अब्दुल्ला ने कहा कि जनरल सिंह को इस झूठ के लिए सजा दी जानी चाहिए।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के नेताओं को सेना द्वारा पैसा दिए जाने के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के बयान से नाराज केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने उनसे कर्नल ऑफ राजपूत रेजीमेंट का ओहदा छीन लेने की मांग की है। अब्दुल्ला ने कहा कि जनरल सिंह को इस झूठ के लिए सजा दी जानी चाहिए।
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एक न्यूज चैनल के साथ साक्षात्कार में फारुख ने कहा कि उन्होंने या उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य ने कभी भी सेना से कोई पैसा नहीं लिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संयुक्त राष्ट्र से वापस लौट आने पर वह उनसे जनरल सिंह के आरोपों की उच्च-स्तरीय जांच कराने की सिफारिश करेंगे। अब्दुल्ला ने कहा कि सेना एक परिवार की तरह होती है और सेनाध्यक्ष उस परिवार का मुखिया होता है। जनरल सिंह ने अपने ही परिवार को उजाड़ने का काम किया है।
अब्दुल्ला ने साफ कहा कि जनरल सिंह झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिन्हा की राय का समर्थन करते हुए कि जनरल सिंह को तभी बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था, जब वह उम्र विवाद में सरकार के खिलाफ कोर्ट गए थे।
सियासी कारणों से लगाए जा रहे आरोप : जनरल सिंह
जागरण संवाददाता, भिवानी। पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि वह हर तरह की जांच को तैयार हैं। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि केंद्र सरकार के लोग सियासी कारणों से उन पर आरोप लगा रहे हैं।
पूर्व सेनाध्यक्ष ने रेवाड़ी में नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होने पर भी अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित की बात करने के लिए ही वह राजनीतिक मंचों पर गए हैं। इसे सियासी नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। अगर कांग्रेस भी पूर्व सैनिकों की कोई रैली करती है और उन्हें आमंत्रित करती है तो उसमें शिरकत करने पर विचार कर सकते हैं। उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है। सेना से संबंधित रिपोर्ट लीक होने के बारे में उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे राष्ट्रद्रोह है।
केंद्र सरकार के लोग सियासी कारणों से उन पर आरोप लगा रहे हैं। वह हर प्रकार की जांच को तैयार हैं। उन्होंने स्वयं आरटीआइ से इस बारे में कुछ सूचनाएं मांगी हैं, ताकि देश के सामने सच्चाई आ सके।
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