उत्तर प्रदेश ने केंद्र से मांगे साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपये की राशि
नायडू ने भी उत्तर प्रदेश की मांग पर सकारात्मक रुख अख्तियार करते हुए हुडको को राज्य की 7000 करोड़ रुपये के लोन की मांग के प्रस्ताव को जल्द मंजूरी देने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। किसानों के लिए खजाना खोलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार अब वित्तीय संसाधन जुटाने में जुट गई है। राज्य सरकार ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से साढ़े तेरह हजार करोड़ रूपये की वित्तीय मदद मांगी है। राज्य में अपनी विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हुडको से इस मदद की गुहार लगाई है। इसी सिलसिले में राज्य के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने मंगलवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात कर उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक पत्र इस बाबत सौंपा।
नायडू ने भी उत्तर प्रदेश की मांग पर सकारात्मक रुख अख्तियार करते हुए हुडको को राज्य की 7000 करोड़ रुपये के लोन की मांग के प्रस्ताव को जल्द मंजूरी देने का निर्देश दिया। उन्होंने एनबीसीसी को उत्तर प्रदेश में विशेषज्ञों का एक दल भेजकर राज्य में अलग-अलग जगहों पर पड़ी जमीन को बेचकर धनराशि जुटाने की संभावनाएं तलाशने को कहा।
मुख्यमंत्री योगी ने शहरी विकास मंत्री नायडू से 2600 करोड़ रुपये का कर्ज सार्वजनिक निर्माण विभाग की सड़कों के लिए 2500 करोड़ रुपये राज्य सड़क ढांचागत प्राधिकरण के लिए, एक हजार करोड़ रुपये पुलों के निर्माण के लिए, 2500 करोड़ रुपये लखनऊ-बलिया एक्सप्रेस वे के लिए, 3000 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना के लिए, एक हजार करोड़ रुपये आवास योजना (शहरी) के लिए और एक हजार करोड़ रुपये राज्य की अन्य आवासीय योजनाओं को पूरा करने के लिए मांगे हैं।
राज्य में उपलब्ध सरकारी जमीनों का इस्तेमाल आर्थिक रुप से कमजोर वर्गो के लिए मकान बनाने के लिए किया जाएगा। साथ ही इस पर व्यावसायिक और रिहायशी संपत्ति से राजस्व जुटाया जाएगा।
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