निवेशकों को लुभा रहा उत्तर प्रदेश, राज्य को मिले दोगुने निवेश के प्रस्ताव
साल 2018 में यूपी में निवेश की जितनी राशि का प्रस्ताव आया है वह 2017 की तुलना में दोगुना है। निवेशको को आकर्षित करने में उत्तर प्रदेश का स्थान पांचवें नंबर पर है।
नई दिल्ली, हरिकिशन शर्मा। कुछ साल पहले तक निवेश आकर्षित करने में फिसड्डी रहा उत्तर प्रदेश अब निवेशकों को भाने लगा है। जो उद्यमी राज्य में उद्योग लगाने से कतराते थे वे अब वहां बड़ा निवेश करने के इरादे जता रहे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।
डीपीआइआइटी के मुताबिक वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में 26,262 करोड़ रुपये के प्रस्ताव आये। खास बात यह है कि निवेश के लिए प्रस्तावित इस राशि के साथ यूपी देशभर में सर्वाधिक निवेश आकर्षित करने वाले पांच राज्यों में शामिल हो गया है। यह तथ्य इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दो-तीन साल पहले तक यूपी इस मामले में देशभर में 9वें व 10वें नंबर पर था।
2017 के मुकाबले 2018 में दोगुना निवेश के प्रस्ताव
डीपीआइआइटी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2018 में यूपी में निवेश की जितनी राशि का प्रस्ताव आया है वह 2017 की तुलना में दोगुना है। 2017 में राज्य में सिर्फ 12,224 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आये थे। इससे पूर्व 2016 में भी राज्य प्रस्तावित निवेश का आंकड़ा महज 13,722 करोड़ रुपये, 2015 में 11,522 करोड़ रुपये और 12,371 करोड़ रुपये था।
दरअसल घरेलू-विदेशी उद्यमी डीपीआइआइटी के पास आइईएम यानी इंडस्टि्रयल एंट्रीप्रीन्योर मेमोरंडा दाखिल कर अलग-अलग राज्यों में उनके द्वारा प्रस्तावित निवेश की जानकारी देते हैं। इससे राज्यवार निवेश के ट्रेंड का पता चलता है। इससे निवेशकों का रुझान मालूम पड़ता है।
उत्तर प्रदेश पांचवें नंबर पर
डीपीआइआइटी के आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि वर्ष 2018 में सिर्फ चार राज्यों- कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में ही उत्तर प्रदेश से अधिक निवेश के प्रस्ताव आये। इस तरह निवेश आकर्षित करने के मामले में यूपी पांचवें नंबर पर रहा जबकि 2015 में यह 10वें नंबर पर था।
इन्वेस्टर्स समिट का मिला फायदा
उत्तर प्रदेश में निवेश में ऐसे समय उछाल आया है जब 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने निवेश जुटाने के लिए मोदी मॉडल की तर्ज पर फरवरी 2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया है। जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए इन्वेस्टर्स समिट के मॉडल को अपनाया, ठीक उसी तरह यूपी ने भी उसी फार्मूले को आजमाने की कोशिश की है। डीपीआइआइटी के आंकड़ों को देखने पर लगता है कि निवेश जुटाने का यह फार्मूला कारगर रहा है।
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