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डेंगू-मलेरिया का प्रकोप जारी: उत्तर प्रदेश में 68 एक्टिव मामले, तमिलनाडु में किए जा रहे रोकथाम के उपाय

देश के प्रभावित राज्यों में डेंगू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। मच्छरों को खत्म करने के लिए राज्य में फागिंग (fogging) समेत अन्य जरूरी कदम उठाए गए हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 07:20 AM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 07:20 AM (IST)
डेंगू-मलेरिया का प्रकोप जारी: उत्तर प्रदेश में 68 एक्टिव मामले, तमिलनाडु में किए जा रहे रोकथाम के उपाय
डेंगू-मलेरिया का प्रकोप जारी: उत्तर प्रदेश में 68 एक्टिव मामले, तमिलनाडु में किए जा रहे रोकथाम के उपाय

नई दिल्ली, एजेंसी। 2019 के बाद से देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है जिसमें अब राहत मिलने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन अब कई राज्यों में बारिश के साथ मच्छर जनित बीमारियों डेंगू और मलेरिया के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। इस क्रम में  तमिलनाडु में डेंगू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। मच्छरों को खत्म करने के लिए राज्य में फागिंग (fogging) समेत अन्य जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री मा सु्ब्रह्मण्यण (Ma Subramanian) ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक बैठक की और उन्हें उत्तर पूर्व मानसून से पहले मच्छरों को कंट्रोल करने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया।

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बता दें कि तमिलनाडु में 15 अक्टूबर तक उत्तर पूर्व मानसून के आगमन की संभावना है। वहीं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मंगलवार को डेंगू और मलेरिया के कुल 368 मामले रिकार्ड किए गए जिसमें से 68 एक्टिव हैं और इनका इलाज जारी है। यह जानकारी जिला स्तर पर डेंगू मलेरिया मामलों पर निगरानी रख रहे अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता ने दी।

राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि 65 मरीज सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं और तीन का इलाज प्राइवेट अस्पताल में हो रहा है। उन्होंने कहा, 'अब तक किसी मरीज के गंभीर होने या किसी के मरने की खबर नहीं है। समूचा स्वास्थ्य विभाग दिन-रात बीमारी को फैलने से रोकने के लिए काम कर रहा है।'

डेंगू से बचने के लिए ये रखें सावधानी

-- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें

-- पूरी आस्तीन के कप़़डे पहनें

-- अपने आसपास कही भी पानी जमा न होने दें

-- घरों में रखे कूलर, टंकी या अन्य जगह पानी बदलते रहें

-- मच्छर रोधक दवाओं का उपयोग करें

-- पुराने टायर, डिब्बे व ऐसी चीजें जिनमें बारिश का पानी इकट्ठा हो उसे खाली करें


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