नैनो आधारित फर्टिलाइजर के प्रयोग से 30 फीसद बढ़ेगा उत्पादन, मिट्टी की सेहत में होगा सुधार
देश के किसानों को आधुनिक प्रौद्योगिकी का फायदा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने अनेक योजनाएं शुरू की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फसलों में बड़ी मात्रा में उपयोग किये जाने वाले फर्टिलाइजर यानी पोषक तत्वों की मात्रा बोरी में नहीं बल्कि अब अत्याधुनिक नैनो आधारित पोषक तत्व शीशी में आएंगे। नैनो प्लांट न्यूट्रिएंट्स की मात्रा ग्राम में होगी, जो फसलों के लिए भरपूर पोषक हो सकती है। देश की सबसे बड़ी फर्टिलाइजर कंपनी इफको ने राष्ट्रीय स्तर पर इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के साथ मिलकर इसका ट्रायल शुरु कर दिया है।
नैनो आधारित फर्टिलाइजर का ट्रायल चालू
देश के सभी राज्यों के ज्यादातर जिलों में चालू रबी सीजन से ही इसका ट्रायल चालू किया गया है। देश के कुल 11,000 किसानों के खेतों को इसके लिए चुना गया है। इसमें अहम भूमिका सभी जिलों में स्थापित लगभग सात सौ कृषि विज्ञान केंद्रों की होगी। पहले चरण में नैनो आधारित उत्पादों में नैनो नाइट्रोजन, नैनो जिंक और नैनो कॉपर का ट्रायल शुरु किया गया है। इसकी घोषणा इफको की ओर से आयोजितएक समारोह में की गई।
भविष्य की खेती के लिए बहुपयोगी इन उत्पादों को इफको के कलोल स्थिति नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में देसी तकनीक से विकसित किया गया है। बकौल, इफको के प्रबंध निदेशक डॉक्टर उदयशंकर अवस्थी नैनो टेक्नोलॉजी के ये उत्पाद फसल को कारगर पोषण देते हैं।
मिट्टी की सेहत में होगा सुधार
इनके फायदे गिनाते हुए डॉक्टर अवस्थी ने बताया 'परंपरागत फर्टिलाइजर की तुलना में 50 प्रतिशत कम खर्च होगा। उत्पादकता में 15 से 30 फीसद की वृद्धि का अनुमान है। मिट्टी की सेहत में सुधार होगा। ग्रीन हाउस गैस गैसों के उत्सर्जन में कमी के साथ पर्यावरण के अनुकूल होगा।' डाक्टर अवस्थी ने नैनो जिंक के बारे में बताया कि पूरे एक हेक्टेयर खेत में केवल 10 ग्राम पर्याप्त होगा। नैनो टेक्नोलॉजी से एनपीके खादों की खपत घटकर आधी रह जाएगी।
खेती की लागत बहुत बढ़ गई है
इफको के इन प्रयासों की प्रशंसा करते हुए फर्टिलाइजर मंत्री सदानंद गौडा ने कहा कि इफको के इस तरह के प्रयास से वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना और आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि घटते संसाधनों और फर्टिलाइजर के बढ़ते उपयोग के कारण खेती की लागत बहुत बढ़ गई है, जिससे किसान मुश्किल में है। नैनो प्रौद्योगिकी के माध्यम से हम अपेक्षित रासायनिक संरचना के साथ उर्वरक उत्पादन की संभावनाओं और पोषक तत्वों की उपयोग क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं।
कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने इस अवसर पर 'भारतीय कृषि में आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाकर ही दूसरी हरित क्रांति को सफल बनाया जा सकता है। देश के किसानों को आधुनिक प्रौद्योगिकी का फायदा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने अनेक योजनाएं शुरू की है।