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Weather Update: आने वाले दिनों में अच्‍छी होगी मानसून की बारिश, कमजोर पड़ रहा अल नीनो

आने वाले दिनों में मानसून के और बेहतर होने की संभावना है। अमेरिकी मौसम एजेंसियों ने कहा है कि आने वाले एक या दो महीनों में अल नीनो खत्‍म हो जाएगा जिससे अच्‍छी बारिश संभव है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 03:29 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 10:50 PM (IST)
Weather Update: आने वाले दिनों में अच्‍छी होगी मानसून की बारिश, कमजोर पड़ रहा अल नीनो
Weather Update: आने वाले दिनों में अच्‍छी होगी मानसून की बारिश, कमजोर पड़ रहा अल नीनो

नई दिल्‍ली, एजेंसी। Weather Update: आने वाले दिनों में मानसून के और बेहतर होने की संभावना जतार्इ जा रही है। अमेरिकी मौसम एजेंसियों के मुताबिक, आने वाले एक या दो महीनों में अल नीनो खत्‍म हो जाएगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में मानसून पूर्वानुमान के प्रमुख डी. शिवानंद पई ने कहा कि मानसून के लिए यह बेहत अच्‍छी खबर है कि अल नीनो खत्‍म होने वाला है। हालांकि, अल नीनों का कमजोर होना इस साल आने वाले दिनों में अच्‍छे मानसून की गारंटी नहीं है।

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बता दें कि समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आए बदलाव के लिए उत्तरदायी समुद्री घटना को अल-नीनो (El Nino) कहा जाता है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अल-नीनो के प्रभाव से प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह गर्म हो जाती है। इससे हवाओं का रास्ते और रफ्तार में परिवर्तन आ जाता है। इसके चलते मौसम चक्र प्रभावित होता है। भारत में अल नीनो के प्रभाव की वजह से मानसून कमजोर पड़ जाता है, जिससे सूखे का खतरा बढ़ जाता है।

पिछले महीने में कमजोर पड़ रहे अल-नीनो का सितंबर के अंत तक और उसके बाद भी जारी रहने का अनुमान था। हालांकि, क्लाइमेट प्रीडिक्शन सेंटर और अमेरिका की अन्‍य राष्ट्रीय एजेंसियों के बयान के मुताबिक, पिछले महीने अल-नीनो काफी कमजोर हुआ है। भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अल-नीनो की मौजूदगी से जून में मानसून पर प्रभाव पड़ा जिसकी वजह से बारिश में 33 फीसद की कमी दर्ज की गई।

शिवानंद पई ने कहा कि अल-नीनो का प्रभाव पूरी तरह से दूर नहीं हो सकता है। हां यह जरूर है कि यह निश्चित रूप से यहां से कम हो जाएगा। अब चूंकि अल-नीनो कमजोर हो रहा है तो उम्‍मीद है कि मानसून अच्छा रहेगा। हफ्तेभर पहले तक मानसून का स्तर औसत से 45 फीसद कम रहा है। इससे सीजन की बोआई में भी गिरावट दर्ज की गई है।

अब मानसून का रुख बदल रहा है, ऐसे में आने वाले दिनों में मानसून में बारिश में सुधार आ सकता है। माना जा रहा है कि जुलाई में मानसून सामान्य से 22 प्रतिशत ज्यादा रहेगा। बारिश की कमी जून के अंत में 33 फीसद से घटकर 12 फीसद हो गई है। संभवत: इन्‍हीं वजहों के चलते अपने दो महीने पहले दिए गए अनुमान में भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि इस साल मानसून में बारिश औसत के 96 फीसद के बराबर रह सकती है। 

क्या है अल नीनो
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अल-नीनो (El Nino) के प्रभाव से प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह गर्म हो जाती है, इससे हवाओं का रास्ते और रफ्तार में परिवर्तन आ जाता है। इस वजह से मौसम चक्र बुरी तरह से प्रभावित होता है। इसके कारण न केवल मौसम में बदलाव में बदलाव होता है, बल्कि इससे कई स्थानों पर सूखा पड़ता है तो कई जगहों पर बाढ़ भी आती है। कभी-कभार ज्यादा गर्मी और तापमान में इजाफा भी अलनीनो की वजह से ही होता है। अल-नीनो का असर विश्व भर के वातारण और मौसम पर होता है।


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