Move to Jagran APP

नागासाकी नहीं काकुरा पर गिराना था अमेरिका को बम, जानें अंतिम समय में क्‍यों बदलना पड़ा प्‍लान

अमेरिका को जापान के ऊपर दूसरा परमाणु हमला 11 अगस्‍त को करना था लेकिन इस प्‍लान को बदल दिया गया। इसके साथ ही विमान ने अंतिम समय में इसके लिए प्राइमरी नहीं सेकेंडरी टार्गेट को चुना।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 12:32 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 11:05 PM (IST)
नागासाकी नहीं काकुरा पर गिराना था अमेरिका को बम, जानें अंतिम समय में क्‍यों बदलना पड़ा प्‍लान
नागासाकी नहीं काकुरा पर गिराना था अमेरिका को बम, जानें अंतिम समय में क्‍यों बदलना पड़ा प्‍लान

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। 9 अगस्‍त 1945, ये वो दिन है जब अमेरिका के बी-29 बमवर्षक विमान ने नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया था। देखते ही देखते इस शहर का आसमान विशाल धुएं, धूल, और आग के एक गोले में तब्‍दील हो गया था। 15 मील की दूरी से जब बमवर्षक विमान ने इसका नजारा देखा था तो वो भी कुछ देर के लिए इसकी तबाही को देखकर खामोश हो गए थे। उन्‍हें हिदायत थी कि बम को गिराते ही तुरंत यूटर्न लेकर वापस आना है। ऐसा न करने पर उनका विमान भी इसकी चपेट में आ सकता था। करीब सुबह के दस बजे का समय था जब नागासाकी पर फैटमेन नामक बम को गिराया गया था।

loksabha election banner

इसके कुछ ही पल के बाद इस बम ने वहां का नक्‍शा ही बदल कर रख दिया था। इमारतें मलबे में तब्‍दील हो चुकी थीं और लोगों की हड्डिया धूल में दबी पड़ी थीं। जिनकी सांसे चल भी रही थीं तो उनके शरीर के अंग कहीं के कहीं पड़े थे। इस बम ने एक ही झटके में 70 हजार लोगों की जिंदगी को निगल लिया था। कभी लोगों की भीड़-भाड़ से गुलजार रहने वाला शहर अब वीरान हो चुका था। किसी की मौत पर कोई रोने वाला भी नहीं बचा था। इस घटना को 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं। लेकिन क्‍या आपको पता है कि अमेरिका के बमवर्षक विमान के लिए नागासाकी पहला टार्गेट नहीं था और न ही इस बम को 9 अगस्‍त को गिराया जाना था।

जीहां, यही सही बात है। दरअसल, अमेरिकी बमवर्षक विमान का पहला टार्गेट था काकुरा शहर। अमेरिका ने तिनयान द्वीप पर जापान पर परमाणु बम के हमले का प्‍लान बनाया था। हिरोशिमा पर बम तय समय पर गिराया गया था। लेकिन अमेरिका ने अगले परमाणु हमले के लिए 9 अगस्‍त नहीं बल्कि 11 अगस्‍त का दिन तय करा था। लेकिन मौसम विभाग की तरफ से जब ये पता चला कि आने वाले कुछ दिन जबरदस्‍त बादल छाए रहेंगे तो अमेरिका ने अपना प्‍लान बदल लिया और इसके लिए आनन-फानन में 9 अगस्‍त का दिन तय कर दिया। अमेरिका ने दूसरे परमाणु हमले के लिए तीन शहर को चुना था। इनमें काकुरा पहले था और नागासाकी दूसरे नंबर पर था। प्‍लान के मुताबिक अमेरिका के तीन विमानों को एक साथ आपस में कॉर्डिनेट करते हुए आगे बढ़ना था। इनमें से एक पर फैटमेन को लगाया गया था।

दूसरे विमान को बम गिराने के बाद का नजारा अपने कैमरे में कैद करना था। सभी विमानों ने एक साथ उड़ान भरी। कुछ घंटों की उड़ान के बाद तीनों ही विमान जापान की हवाई सीमा में प्रवेश कर चुके थे। लेकिन कुछ ही देर के बाद तीसरा विमान पीछे छूट गया। जिस विमान के केप्‍टन पर बम को गिराने की जिम्‍मेदारी थी उसको सख्‍त हिदायत थी कि वो अपने रेडियो ट्रांसमीटर को ऑन नहीं करेगा। ऐसा करने से ये विमान जापान के राडार की पकड़ में आ सकते थे। इसलिए वो ऐसा नहीं कर सके। कुछ देर बाद दो विमान अनुमानित तौर पर काकुरा शहर के ऊपर पहुंच चुके थे लेकिन तीसरे का कुछ पता नहीं था।

केप्‍टन के सहयोग के लिए जो तकनीकी दल विमान पर सवार था उसको काकुरा शहर नजर नहीं आ रहा था। वहां पर घने बादल छाए थे, जिसकी वजह से शहर का अंदाजा लगाना कठिन हो रहा था। केप्‍टन को इसकी जानकारी दी गई। तीसरा विमान न मिल पाने की वजह से बम गिराने का समय निकला जा रहा था। इस दौरान विमान आसमान में कई चक्‍कर लगा चुके थे। विमान का तेल लगातार कम हो रहा था। ऐसे में केप्‍टन ने काकुरा को छोड़कर आगे बढ़ने का फैसला लिया। कुछ ही मिनट में वो अपने सेकेंडरी टार्गेट नागासाकी के ऊपर पहुंच चुके थे। केप्‍टन के सहयोगी दल ने शहर को देखा और खबर की। केप्‍टन का इशारा मिलते ही नागासाकी के ऊपर फैटमेन बम को गिरा गया था। इस बम के गिरने के बाद नागासाकी का जो नजारा बदला उसके बाद जापान ने घुटने टेक दिए और बिना शर्त आत्‍मसमर्पण की अपील कर दी। इसके साथ ही अमेरिका ने भी दूसरे विश्‍व युद्ध के खत्‍म होने का एलान कर दिया था।

ये भी पढ़ें:- 

जापान पर परमाणु हमले के 75 साल बाद भी दुनिया में खत्म नहीं हुई परमाणु हथियारों की दौड़

मलबे में तलाशी जा रही हैं जिंदगियां, बेरूत में धमाके से दवाओं के साथ खाद्य संकट भी गहराया 
केरल विमान हादसा: एक नजर में जानें टेबलटॉप एयरपोर्ट पर क्‍यों मुश्किल होती विमानों की लैंडिंग 

कोझिकोड एयरपोर्ट और मंगलोर एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे में काफी कुछ बातें थी एक समान, जानें क्‍या 

एक वर्ष पहले कोझिकोड एयरपोर्ट पर DGCA को मिली थी बड़ी खामियां, भेजा था कारण बताओ नोटिस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.