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भारत को अगले साल की पहली तिमाही तक मिल सकती है कोरोना वैक्‍सीन, अमेरिकी संस्‍था की रिपोर्ट से खुलासा

वॉल स्ट्रीट की रिसर्च इकाई बर्नस्टीन (Bernstein) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत को अगले साल की पहली तिमाही तक कोरोना वैक्सीन मिल सकती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 06:02 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 06:02 AM (IST)
भारत को अगले साल की पहली तिमाही तक मिल सकती है कोरोना वैक्‍सीन, अमेरिकी संस्‍था की रिपोर्ट से खुलासा
भारत को अगले साल की पहली तिमाही तक मिल सकती है कोरोना वैक्‍सीन, अमेरिकी संस्‍था की रिपोर्ट से खुलासा

नई दिल्ली, पीटीआइ। दुनियाभर में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए टीका (वैक्सीन) विकसित करने का प्रयास चल रहा है। बर्नस्टीन (Bernstein) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत को अगले साल की पहली तिमाही तक कोरोना वैक्सीन मिल सकती है। बर्नस्टीन अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट की रिसर्च इकाई है। संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनियाभर में चार वैक्सीन परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं। इस साल के अंत या अगले साल के शुरू में इन्हें मंजूरी मिलने की संभावना है।

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एसआइआइ से जगी उम्‍मीदें

इनमें से दो वैक्‍सीन के निर्माण में भारत की साझेदारी है। एक वैक्‍सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्टाजेनिका (AstraZeneca and Oxford) की जबकि दूसरी नोवावैक्स (Novavax) की है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India, SII) ने दोनों वैक्सीन के उत्पादन और व्यावसायिक उपयोग के लिए करार किया है। एसआइआइ पहली वैक्सीन बाजार में लाने की बेहतर स्थिति में है।

दो साल से पहले हर्ड इम्यूनिटी की संभावना कम

रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में दोनों वैक्सीन सुरक्षा के साथ ही प्रतिरक्षा बढ़ाने में कारगर पाई गई हैं। इसको देखते हुए अगले साल की पहली तिमाही में पूरी तरह से सुरक्षित और कारगर वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। बर्नस्टीन ने कहा कि वैसे तो कोरोना वैक्सीन की एक खुराक तीन से छह डॉलर (225 से 550 रुपये) मिल जाएगी, लेकिन दो साल से पहले हर्ड इम्यूनिटी यानी सामुदायिक प्रतिरक्षा (herd immunity) की संभावना कम है।

सबसे पहले बजुर्गों को दी जाएगी वैक्‍सीन

बर्नस्टीन ने कहा कि वयस्कों में बड़े पैमाने पर टीकाकरण का आंकड़ा बहुत अच्छा नहीं है। इसको देखते हुए कोरोना के टीकाकरण कार्यक्रम के कार्यान्वयन में 18-20 महीने तक लग सकते हैं। संस्था ने कहा, 'हमारा मानना है कि सबसे पहले वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी। उसके बाद आवश्यक सेवा से जुड़े लोगों और समाज में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को लगाई जाएगी।' 


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