अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया के साथ भारत की बैठक, इंडो पैसिफिक क्षेत्र के हालात पर हुई चर्चा
सिंगापुर में हुई बैठक के दौरान भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया ने पूरे हिंद व प्रशांत क्षेत्र को संपन्न, आजाद व सभी के लिए एक समान अवसर देने वाले क्षेत्र के तौर पर विकसित करने की मंशा पर जोर दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हिंद-प्रशांत महासागर का मुद्दा वैश्विक राजनीतिक में जिस तरह से महत्वपूर्ण बनता जा रहा है उसे देखते हुए भारत भी अपने हर विकल्प को खोल कर रखना चाहता है। यही वजह है कि एक तरफ जहां वह चीन के साथ अपने रिश्तों को सुधारने में जुटा है, वही इस क्षेत्र में अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के साथ चार देशों के गठबंधन को लेकर भी धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहा है। गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की उक्त तीनों देशों के साथ एक अहम बैठक सिंगापुर में हुई। इन चारों देशों के बीच यह एक नया गठबंधन बना है, जिसकी पहली बैठक पिछले वर्ष हुई थी। इसे चीन के खिलाफ चार लोकतांत्रिक देशों के एकजुट होने के तौर पर भी देखा जाता रहा है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक, चारों देशों ने पूरे हिंद व प्रशांत क्षेत्र को संपन्न, आजाद व सभी के लिए एक समान अवसर देने वाले क्षेत्र के तौर पर विकसित करने की मंशा पर जोर दिया। साथ ही इन देशों ने इस क्षेत्र को कानून सम्मत बनाने का भी एलान किया जो पहले भी किया जाता रहा है। यह चीन की तरफ से संकेत होता है कि वह दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय नियम का पालन करे।
आज की बैठक में एक खास बात यह रही है कि इसमें आसियान क्षेत्र को लेकर खासतौर पर चर्चा की गई। चारों देशों ने कहा है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में आसियान देशों की अगुवाई में ही कोई व्यवस्था होनी चाहिए। यह भी चीन की तरफ से एक इशारा है कि वह इस क्षेत्र में कोई विस्तारवादी कदम न उठाये। चारों देशों ने कहा है कि वे इस क्षेत्र के दूसरे देशों के साथ काम करने को तैयार है, ताकि शांति व संपन्नता को बढ़ावा दिया जा सके।