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उड़ी आतंकी हमले का लक्ष्य सिर्फ भारतीय सेना को नुकसान पहुंचाना ही नहीं!

सीमा से सटे उड़ी सेक्टर में हुए आतंकी हमले मकसद सिर्फ भारतीय सेना को नुकसान पहुंचाने तक ही सीमित नहीं है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 18 Sep 2016 05:02 PM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2016 05:54 PM (IST)
उड़ी आतंकी हमले का लक्ष्य सिर्फ भारतीय सेना को नुकसान पहुंचाना ही नहीं!

श्रीनगर, जेएनएन। उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे उड़ी सेक्टर में इतवार की सुबह आतंकी हमला सिर्फ भारतीय सेना को नुक्सान पहुंचाने तक सीमित नहीं है। यह सोमवार से शुरु हो रहे संयुक्त राष्ट्र के अधिवेशन में कश्मीर मामले को उछालने व कश्मीर में गत दो माह से जारी हिंसक प्रदर्शनों को और हवा देते हुए अलगाववादियों व आतंकियों का मनोबल बढ़ाने की पाकिस्तानी पाकिस्तानी साजिश का ही हिस्सा है। कश्मीर मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार, उड़ी में सेना के कितने जवान शहीद हुए, मौजूदा परिस्थितियों में यह अहम नहीं है। अहमियत इस हमले के समय को लेकर है।

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कश्मीर विशेषज्ञ अहमद अली फैयाज ने कहा कि मैं इस हमले को लेकर ज्यादा हैरान -परेशान नहीं हूं। लेकिन यह सनसनीखेज है। बीते कुछ सालों के दौरान पहली बार पाकिस्तान ने कश्मीर मुददे को इतनी तीव्रता के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना शुरु किया है। संयुक्त राष्ट्र का 71वां अधिवेशन सोमवार को शुरु हो रहा है और आज सुबह यह हमला हुआ है। यह संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुददे की गंभीरता को जताने और कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण की पाकिस्तानी साजिश का एक हिस्सा है।

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उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में जब भारत उड़ी हमले या कश्मीर में जारी हिंसक प्रदर्शनों का जिक्र करेगा तो पाकिस्तान बड़े आराम से कहेगा कि कश्मीर समस्या है। इसके अलावा कश्मीर में जारी हिंसाचक्र कुछ धीमा पड़ रहा है। उसे भी हवा देने में यह हमला काम आएगा।

वरिष्ठ पत्रकार रशीद राही ने कहा यह हमला एक तरह से कश्मीर में गत दो माह से जारी हिंसक प्रदर्शनों में शामिल समाज विरोधी तत्वों की मदद के लिए किया गया है। हिंसक प्रदर्शनों की तीव्रता बीते कुछ दिनों से कम हुई है, कई शरारती तत्व जिनमें से अधिकांश आतंकियों के ओवरग्राऊंड नेटवर्क का हिस्सा हैं, पकड़े गए हैं। इससे आतंकी और पाकिस्तान में बैठे उनके संरक्षक कुछ परेशान हो रहे थे। इसलिए वादी में सक्रिय अपने नेटवर्क का मनोबल बढ़ाने व हिंसक प्रदर्शनों की गति बनाए रखने के लिए पाकिस्तानी सेना अथवा उसकी शह पर सक्रिय संगठनों ने यह हमला अंजाम दिया है। यह हमला वादी में सक्रिय आतंकियों व उनके समर्थकों का मनोबल बढ़ाने वाला है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र का अधिवेशन शुरु होने वाला है। इसलिए इस हमले की अहमियत को आप समझ सकते हैं।

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राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि निस्संदेह यह हमला कश्मीर में जारी हिंसक प्रदर्शनों का संचालन कर रहे तत्वों का मनोबल बढ़ाने के लिए है। इस हमले के जरिए आतंकी सरगनाओं ने अपने कैडर व समर्थकों यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वह किसी भी समय हमला करने में समर्थ हैं।


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