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विहिप की 84 कोसी पदयात्रा प्रतिबंधित

कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते उत्तर प्रदेश शासन ने विश्व हिंदू परिषद की 25 अगस्त से 13 सितंबर तक प्रस्तावित चौरासी कोसी पद यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और विहिप आमने-सामने आ गए हैं। प्रशासन ने नई परंपरा न शुरू होने देने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यात्रा क्षेत्र के सभी छह जिलों फैजाबाद, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, बहराइच, बस्ती और गोंडा में धारा 144 लागू कर दी है।

By Edited By: Published: Mon, 19 Aug 2013 02:59 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2013 02:52 AM (IST)
विहिप की 84 कोसी पदयात्रा प्रतिबंधित

जागरण ब्यूरो, लखनऊ। कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते उत्तर प्रदेश शासन ने विश्व हिंदू परिषद की 25 अगस्त से 13 सितंबर तक प्रस्तावित 84 कोसी पद यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और विहिप आमने-सामने आ गए हैं। प्रशासन ने नई परंपरा न शुरू होने देने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यात्रा क्षेत्र के सभी छह जिलों फैजाबाद, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, बहराइच, बस्ती और गोंडा में धारा 144 लागू कर दी है।

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राम मंदिर बनाने के पक्ष में माहौल गरमाने में जुटे विहिप व अन्य संगठनों को शासन ने दो टूक चेतावनी भी दी है कि अगर किसी ने प्रतिबंध तोड़ने की कोशिश की तो सख्त कार्रवाई होगी। इसके उलट विहिप ने परिक्रमा से पीछे न हटने का ऐलान किया है। विहिप महामंत्री चंपत राय ने कहा कि प्रतिबंध का निर्णय राजनीतिक है। अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा हर हाल में होगी।

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सोमवार को प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक देवराज नागर ने बताया कि विहिप ने 25 अगस्त से 13 सितंबर तक अयोध्या के चारों तरफ 84 कोसी पदयात्रा के बारे में कार्यक्रम दिया था। विहिप अध्यक्ष अशोक सिंहल ने 10 अगस्त को पत्र भेजा था, उसमें इस यात्रा के जरिये राम मंदिर निर्माण की मांग किए जाने का उल्लेख है। प्रमुख सचिव ने कहा कि परंपरागत यात्रा 25 अप्रैल से 20 मई तक पूर्ण हो चुकी है।

शासन ने प्रस्तावित यात्रा की अनुमति न दिए जाने का निर्णय लिया है। श्रीवास्तव का यह भी तर्क था कि अयोध्या के विवादित परिसर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय दिया। इसलिए भी विहिप की मांग पूरी करना संभव नहीं है, क्योंकि यात्रा का एक मकसद विवादित स्थल पर मंदिर बनाने के लिए माहौल बनाना है। प्रतिबंध के फैसले का आधार पुलिस महानिदेशक ने छह जिलों के जिलाधिकारियों की रिपोर्ट को बताया, जिसमें यात्रा से स्थिति खराब होने का अंदेशा जताया गया है।

हमारा कार्यक्रम नहीं होगा स्थगित : विहिप

राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप के चौरासी कोसी यात्रा पर लगे प्रतिबंध के बाद राजनीति गरमाने वाली है। राज्य शासन के फैसले को राजनीतिक करार देते हुए विहिप के प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने आगाह किया है कि फैसले पर पुनर्विचार कर अनुमति दें, वरना पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार ही संत यात्रा के लिए कूच करेंगे। उन्होंने कहा, कार्यक्रम यथावत है और निश्चित समय पर संत वहां पहुंचना शुरू हो जाएंगे। 17 अगस्त को अशोक सिंघल के नेतृत्व में कुछ संतों ने मुलायम सिंह से मुलाकात कर इस यात्रा को सुगम बनाने का आग्रह किया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा, सरकार फैसले पर पुनर्विचार करे। संतों का आग्रह टाला तो जनाक्रोश भुगतना होगा। पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद ने कहा, संतों ने चौरासी कोसी परिक्रमा का जो निर्णय पूर्व में लिया था वह अडिग है। सरकार कोई भी निर्णय ले संत समाज झुकने वाला नहीं है। रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और जन्मभूमि न्यास के सदस्य डॉ. रामविलास दास वेदांती ने भी सरकार के फैसले की निंदा की है।

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