Move to Jagran APP

दरोगा भर्ती रिजल्ट रद मामले में यूपी सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती

चयन सूची में स्थान न पाने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने सब इंस्पेक्टर भर्ती रिजल्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने याचिका मंजूर करते हुए रिजल्ट रद कर दिये थे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 11:15 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 11:15 PM (IST)
दरोगा भर्ती रिजल्ट रद मामले में यूपी सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती
दरोगा भर्ती रिजल्ट रद मामले में यूपी सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती

माला दीक्षित, नई दिल्ली। पुलिस, पीएसी और फायर ब्रिगेड में सब इंस्पेक्टरों (उप निरीक्षकों) की भर्ती का रिजल्ट रद करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रदेश सरकार की याचिका उसी पीठ के समक्ष लगाने का आदेश दिया जिसने पहले इसी मामले में दाखिल एक अन्य याचिका पर सुनवाई की थी। यह मामला 2016 में उपनिरीक्षकों के 2707 पदों पर भर्ती का है। फिलहाल चयनित उम्मीदवार ट्रेनिंग कर रहे हैं।

loksabha election banner

हाईकोर्ट ने नये सिरे से चयन सूची बनाने का आदेश दिया था

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत वर्ष 11 सितंबर को भर्ती में 50 फीसद अर्जित अंकों को योग्यता मानदंड माना जाएगा और जिन लोगों ने 50 फीसद या उससे अधिक अंक अर्जित किये हैं उनकी मेरिट लिस्ट बनाने में सामान्यीकरण का नियम (नार्मलाइजेशन रूल) लागू किया जाए। हाईकोर्ट ने फैसले के मुताबिक नये सिरे से चयन सूची बनाने का आदेश दिया था। सरकार के साथ ही परीक्षा में सफल घोषित हुए और ट्रेनिंग कर रहे उम्मीदवारों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

कपिल सिब्बल ने किया याचिकाओं का विरोध

सोमवार को याचिकाएं न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लगी थी। याचिकाकर्ताओं के वकील सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी ने हाईकोर्ट का विरोध करते हुए याचिका पर सुनवाई की मांग की, लेकिन दूसरी ओर से हाईकोर्ट में मुकदमा जीत कर आए अभ्यर्थियों के वकील दुष्यंत दवे, कपिल सिब्बल और सत्येन्द्र त्रिपाठी ने याचिकाओं का विरोध किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसी मामले में पहले दाखिल की गई एसएलपी ठुकरा चुका है। इस पर मेहता ने कहा कि उनकी याचिका सुनी जानी चाहिए इसमें बहुत से ऐसे बिन्दु हैं जिन पर विचार की जरूरत है। कोर्ट ने संक्षिप्त सुनवाई में इन याचिकाओं को उसी पीठ के समक्ष लगाने का आदेश दिया जिसने पूर्व याचिका पर सुनवाई की थी।

सरकार और सफल घोषित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के आदेश को गलत बताया

सरकार और सफल घोषित अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट का आदेश ठीक नहीं है। सामान्यीकरण का नियम ठीक ढंग से लागू किया गया है। याचिका में कोर्ट के समक्ष यूपी सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर (सिविल पुलिस) सर्विस (पहला संशोधन) नियम 2015 की व्याख्या की मांग की गई है। सरकार का कहना है कि जब हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सामान्यीकरण के नियम को चयन का हिस्सा माना है तो फिर उसका यह कहना कहां तक ठीक है कि कि 50 फीसद मूल अंक अर्जित करने वाले ही चयन के लिए योग्य होंगे और चयन की मेरिट लिस्ट बनाने में सामान्यीकरण का नियम लागू होगा।

क्या है मामला

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने 17 जून 2016 को 2707 पुलिस सब इंस्पेक्टर, पीएसी प्लाटून कमांडर और फायर फाइटिंग आफीसर पदों की भर्ती निकाली। यह भर्ती नियम 2015 के तहत होनी थी। भर्ती की अंतिम चयन सूची गत वर्ष 28 फरवरी को जारी हुई। इसके बाद चयन सूची में स्थान न पाने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने रिजल्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने सामान्यीकरण नियम लागू करने की प्रक्रिया को चुनौती दी। उनका कहना था कि परीक्षा पास करने की योग्यता अंक 50 फीसद थे और सामान्यीकरण का नियम 50 फीसद अंक अर्जित करने वाले या उससे ज्यादा अंक अर्जित करने वालों के बीच मेरिट लिस्ट तय करने के लिए होना चाहिए जबकि ऐसा नहीं हुआ है। उनका आरोप था कि उन्होंने मूल परीक्षा में 50 फीसद से ज्यादा अंक अर्जित किए थे और सामान्यीकरण के जरिए उनके अंक 50 फीसद से कम करके उन्हें चयन से बाहर कर दिया गया जबकि जिन लोगों के अंक 50 फीसद से कम थे सामान्यीकरण के तहत उनके अंक बढ़ा कर 50 फीसद करके उनका चयन कर लिया गया है। हाईकोर्ट ने याचिका मंजूर करते हुए रिजल्ट रद कर दिये थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.