केंद्रीय करों में हिस्सेदारी से उत्तर प्रदेश को मिलेंगे 1.41 लाख करोड़ रुपये
केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 17.95 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 1.41 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने से राज्यों के खजाने की स्थिति भी बेहतर होगी। अगले वित्त वर्ष में केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में उत्तर प्रदेश को भारी भरकम 1.41 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। आम बजट 2018-19 में इसका प्रावधान किया गया है। वहीं बिहार को अगले वित्त वर्ष में केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 76,112 करोड़ रुपये मिलेंगे।
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में किस राज्य को कितनी राशि मिलेगी, इसका ब्यौरा आम बजट 2018-19 में दिया गया है जिसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बृहस्पतिवार को पेश किया था। केंद्र की ओर से लगाए जाने वाले आय कर, कारपोरेट टैक्स, वैल्थ टैक्स, सीजीएसटी, आइजीएसटी, आयात शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और अन्य करों में राज्यों की हिस्सेदारी होती है। जीएसटी लागू होने के बाद अब केंद्रीय उत्पाद शुल्क सिर्फ पेट्रोलियम उत्पादों पर लगता है। इसलिए इसके जरिए भी जितनी धनराशि का संग्रह होगा उसमें से राज्यों को उनके अनुपात के हिसाब से बांट दी जाएगी।
खास बात यह है कि राज्यों को सीजीएसटी में हिस्सेदारी से 2.53 लाख करोड़ रुपये तथा आइजीएसटी के रूप में 21,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। सभी करों को मिलाकर राज्यों की झोली मे 7.88 लाख करोड़ रुपये आएंगे जिसमें से सबसे ज्यादा धनराशि उत्तर प्रदेश के हिस्से में आएगी। उत्तर प्रदेश को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 1.41 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे जबकि उत्तराखंड को इससे 8291 करोड़ रुपये, हरियाणा को 8543 करोड़ रुपये, बिहार को 76172 करोड़ रुपये मिलेंगे।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर होती है जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया जाता है। फिलहाल 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू हैं। इनके तहत केंद्रीय करों में से 42 प्रतिशत राशि राज्यों के हिस्से में जाती है। पहले यह आंकड़ा 32 प्रतिशत था जिसे बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की सिफारिश 14वें वित्त आयोग ने की थी। फिलहाल सरकार ने पंद्रहवें वित्त आयोग का गठन भी कर दिया है जिसकी सिफारिशें अप्रैल 2020 से लागू होंगी।
वैसे राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के अलावा एक बड़ी धनराशि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत किए गए आवंटन के रूप में भी मिलेगी। आम बजट 2018-19 के प्रावधानों के अनुसार केंद्र प्रायोजित योजनाओं में से राज्यों को तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक धनराशि मिलने का अनुमान है।
किस राज्य को कितनी मिलेगी केंद्रीय करों से राशि
राज्य धनराशि करोड़ रुपये में
बिहार 76172
छत्तीसगढ़ 24275
हिमाचल प्रदेश 5619
हरियाणा 8543
जम्मू कश्मीर 14562
झारखंड 24739
मध्य प्रदेश 59489
पंजाब 12428
उत्तर प्रदेश 141539
उत्तराखंड 8291