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कभी एवरेस्‍ट पर तो कभी समुद्र में हो चुकी हैं कैबिनेट की बैठक

प्रयागराज में वह भले ही सायास राम मंदिर जैसे कई मसले पर बड़े फैसले ले सकती हो, लेकिन उसके इस कदम से भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक महाकुंभ की चर्चा दुनिया भर में जरूर होगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 10:25 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 10:57 AM (IST)
कभी एवरेस्‍ट पर तो कभी समुद्र में हो चुकी हैं कैबिनेट की बैठक
कभी एवरेस्‍ट पर तो कभी समुद्र में हो चुकी हैं कैबिनेट की बैठक

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पहली बार प्रयागराज महाकुंभ में कोई सरकार कैबिनेट मीटिंग करने जा रही है। इस मीटिंग में वह भले ही सायास राम मंदिर जैसे कई मसले पर बड़े फैसले ले सकती हो, लेकिन उसके इस कदम से भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक महाकुंभ की चर्चा दुनिया भर में जरूर होगी। इससे पहले भी कई देशों के सामने जब किसी बड़ी बात के लिए दुनिया का ध्यान खींचने की जरूरत पड़ी तो उन्होंने ऐसा ही कदम उठाया।

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ग्लोबल वार्मिंग से समुद्र में अपने देश को डूबने से बचाने के लिए मालदीव ने समुद्र में कैबिनेट लगाई तो हिमालय को हो रहे नुकसान पर दुनिया का ध्यान खींचने के लिए नेपाल सरकार ने दुनिया के इस सबसे ऊंचे पर्वत पर अपनी कैबिनेट की बैठक की।

मालदीव ने की समुद्र में कैबिनेट बैठक

ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से दुनिया को आगाह करने के लिए मालदीव के मंत्रियों ने अक्टूबर, 2009 में समुद्र के पानी में उतरकर कैबिनेट की बैठक की थी। इस बैठक में राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की अध्यक्षता में तीन मंत्रियों को छोड़ मालदीव सरकार की पूरी कैबिनेट ने गोता लगाकर समुद्र में 15 फुट नीचे पानी की गहराई में कैबिनेट की बैठक कर दुनिया के सभी देशों से खतरनाक गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने की मांग के प्रस्ताव पर दस्तखत किए थे। दरअसल धरती का तापमान बढ़ने से आर्कटिक की बर्फ पिघल रही है और समुद्र में जलस्तर बढ़ने से मालदीव जैसे देशों के डूबने का खतरा है। मालदीव ने इस कदम के जरिए जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ने से मालदीव के अस्तित्व पर उत्पन्न हुए खतरे को दर्शाने की कोशिश की थी।

17 हजार फीट पर कैबिनेट की बैठक

नेपाल सरकार ने दिसंबर, 2009 में दुनिया की सबसे ऊंची कैबिनेट बैठक माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर पर की थी। 21 मंत्रियों की पूरी कैबिनेट ने एवरेस्ट के बेस कैंप से 17 हजार फीट के कालिपटार की यात्रा हेलीकॉप्टरों के जरिये की थी। इस कदम के जरिए नेपाल ने औद्योगिक देशों का ध्यान इस ओर खींचा था कि उनकी गतिविधियां किस तरह ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं, जिसके कारण हिमालय क्षेत्र में घातक प्रभाव देखे जा सकते हैं।

क्रोशिया ने फुटबॉल टीम की जर्सी पहन आयोजित की बैठक

जुलाई, 2018 में क्रोशिया का मंत्रिमंडल क्रोशिया की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की जर्सी में नजर आया था। दरअसल क्रोशिया की फुटबॉल टीम इंग्लैंड की टीम को 2-1 से परास्त कर फ्रांस के खिलाफ फाइनल मैच खेलने के लिए उतरने वाली थी। ऐसे में आगामी मैच के लिए अपने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट की बैठक में शामिल सभी मंत्रियों ने टीम की लाल-सफेद रंग की जर्सी पहनी।


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