UP Board Result 2019: जुनून के दम पर अब्दुल्ला की तरह आप भी छू सकते हैं सफलता की बुलंदियां
भारतीय पैरेंट्स को यह समझने की जरूरत है कि बच्चों का जूनन उन्हें बदल सकता है। यहीं बात बच्चों को भी समझने की जरूरत है।
नई दिल्ली, अरुण श्रीवास्तव। UP Board Result 2019: दसवीं-बारहवीं के परीक्षा परिणाम घोषित होने के साथ ही ज्यादातर विद्यार्थी और उनके माता-पिता के माथे पर बल भी पड़ने लगे हैं। दरअसल, इन्हें चिंता इस बात की होती है कि आगे क्या करें? भारतीय पैरेंट्स की सबसे बड़ी समस्या है कि वे ज्यादा पीयर प्रेशर में रहते हैं। उन पर सामज को दिखाने का दबाव होता है कि उनका बच्चा बेस्ट है। भारतीय पैरेंट्स को यह समझने की जरूरत है कि बच्चों का जुनून उन्हें बदल सकता है। यही बात बच्चों को भी समझने की जरूरत है, लगन से कोई भी काम किया जाय तो वो आपकी दशा-दिशा बदल सकती है। इस बात को समझने के लिए हम आपके लिए ऐसे ही एक दीवाने की केस स्टडी लेकर आए हैं।
दीवानगी की केस स्टडी
21 साल के अब्दुल्ला खान ने 12वीं तक की पढ़ाई सऊदी अरब में की और उसके बाद मुंबई आ गए, पर जेईई में पर्याप्त अंक न आने से आईआईटी में प्रवेश नहीं मिला। बाद में मुंबई के एक सामान्य से शिक्षण संस्थान एलआर तिवारी इंजीनियरिंग कॉलेज में कंप्यूटर साइंस से बीई में प्रवेश ले लिया। कैंपस सलेक्शन में इस बार वहां सीएस स्ट्रीम में अधिकतम 10 लाख रुपये का पैकेज मिला है। हालांकि अब्दुल्ला का मामला थोड़ा अलग है और प्रेरक भी। उन्हें कोडिंग को लेकर दीवानगी है। वह न सिर्फ कॉलेज के हर प्रोग्रामिंग कांटेस्ट में हिस्सा लेते थे, बल्कि जहां भी मौका मिलता था कोडिंग कॉम्पिटिशन में मुकाबले के लिए पहुंच जाते थे। इस तरह से उन्होंने तकरीबन डेढ़ सौ से अधिक मुकाबलों में हिस्सा लिया।
दिलचस्प यह है कि कोडिंग के इस दीवाने को पिछले साल नवंबर में एक दिन अचानक गूगल के एक अधिकारी की इनवाइट मेल मिली। इसमें लिखा था कि उन्होंने कुछ प्रोग्रामिंग साइट पर उनकी प्रोफाइल देखी है। कई चरणों के साक्षात्कार के बाद पिछले दिनों उन्हें गूगल के लंदन ऑफिस में फाइनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया और हाल ही में उन्हें अप्वाइंटमेंट लेटर भी मिल गया। उन्हें बेसिक सैलरी के रूप में 60 हजार पाउंड (करीब 54.5 लाख रुपये), 15 फीसदी बोनस (8.1 लाख रुपये) तथा स्टॉक ऑप्शन के रूप में 85 हजार डॉलर (58.9 लाख रुपये) हर साल के हिसाब से चार साल के लिए मिलेंगे। इस तरह देखा जाए तो उनकी सैलरी भारतीय मुद्रा में करीब 1.2 करोड़ रुपये सालाना होगी।
इससे क्या निष्कर्ष निकलता है। यही न कि बेशक पढ़ाई करनी चाहिए, पर लकीर का फकीर बनने की बजाय अपने पैशन यानी जुनून को समझकर उसमें डूबने से ही कामयाबी का बहुमूल्य मोती मिलता है।