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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अमल पर यूपी, एमपी सहित करीब 20 राज्यों ने बढ़ाए कदम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल को लेकर राष्ट्रपति से लेकर पीएम मोदी तक सभी मोर्चा संभाले हुए है। हाल ही में सभी राज्यों के राज्यपालों शिक्षा मंत्रियों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों से वह इसे चर्चा कर चुके है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 09:01 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 09:01 PM (IST)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अमल पर यूपी, एमपी सहित करीब 20 राज्यों ने बढ़ाए कदम
बाकी राज्यों के साथ भी अमल को लेकर बातचीत जारी, भेजा गया अमल का मसौदा।

अरविंद पांडेय। नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कराने में जुटी केंद्र सरकार को राज्यों का भी पूरा साथ मिल रहा है। अब तक करीब 20 राज्य और केंद्र शासित क्षेत्रों ने नीति पर अपनी सहमति जताते हुए इसके अमल पर भी काम शुरु कर दिया है। इनमें ज्यादातर राज्य एनडीए या भाजपा शासित है। बावजूद इसके बाकी के राज्यों का भी रुख भी कुछ बिंदुओं को छोड़कर नीति के पक्ष में ही है।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल को लेकर प्रमुख राज्यों ने बढ़ाए कदम

यह जरूर है कि इसके अमल पर अभी भी वह ऊहापोह में ही है। फिलहाल नीति को लेकर जिन प्रमुख राज्यों की सहमति मिल चुकी है और उन्होंने अमल पर काम भी शुरू कर दिया है, उनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश जैसे राज्य शामिल है।

अमल को लेकर शिक्षा मंत्रालय उत्साहित

राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश में उसके अमल को लेकर जिस तरह से माहौल बना है और राज्यों का साथ भी मिल रहा है, उससे शिक्षा मंत्रालय भी भारी उत्साहित है। मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्यों को अमल को लेकर तैयार किया गया ड्राफ्ट भेजा गया है। इसमें यह बताया गया है कि राज्यों को नीति के अमल को लेकर आगे कैसे बढ़ना है। ज्यादातर राज्यों ने इस पर काम भी शुरु कर दिया है।

आठ से 25 सितंबर तक चला शिक्षक पर्व अभियान

फिलहाल राज्यों का यह रूझान नीति के अमल को लेकर शिक्षा मंत्रालय की ओर से शिक्षक पर्व के नाम चलाई जा रहे अभियान के दौरान सामने आया है। इसमें राज्य पूरी तैयारी के साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। शिक्षा मंत्रालय को ओर से यह अभियान आठ सितंबर से 25 सितंबर तक चलाया गया था।

नीति को लागू करने को लेकर कुछ राज्य अनिश्चितता में हैं

मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो नीति के अगले चरण में उन सभी राज्यों से बात की जाएगी, जो कुछ बिंदुओं को छोड़कर नीति के पक्ष में तो है, लेकिन वह इसे कब लागू करेंगे, इसे लेकर अब तक अनिश्चितता में है। वैसे भी शिक्षा राज्य का विषय है। इसलिए मंत्रालय जल्द ही इसे लेकर राज्यों से बात करेगा और उन्हें इसे लागू करने को लेकर सहमत करेगा।

पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली जैसे राज्यों ने कोई फैसला नहीं लिया

फिलहाल जिन राज्यों ने नीति को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है, उनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली जैसे राज्य शामिल है। वैसे भी नीति के अमल को लेकर पीएम मोदी ने शुरूआत में लचीला रूख अपनाने के संकेत दिए थे, ऐसे में साफ है कि नीति को लेकर राज्यों के साथ कोई गतिरोध नहीं पैदा होगा। गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल को लेकर राष्ट्रपति से लेकर पीएम मोदी तक सभी मोर्चा संभाले हुए है। हाल ही में सभी राज्यों के राज्यपालों, शिक्षा मंत्रियों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों से वह इसे चर्चा कर चुके है।

इन राज्यों में नीति के अमल पर शुरू हो गया है काम

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, असम, सिक्किम, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्य शामिल है। वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में चंडीगढ़, लद्दाख, अंडमान निकोबार आदि शामिल है।


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