Move to Jagran APP

वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी में कई महीने रही अविवाहित गर्भवती खिलाड़ी, नवजात बच्ची की मौत

राजधानी के तात्या टोपे स्टेडियम में स्थित एकेडमी की खिलाड़ी ने सोमवार रात पेट दर्द की शिकायत की थी। वार्डन उसे जेपी अस्पताल लेकर पहुंचीं तो पता चला कि खिलाड़ी गर्भवती है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 10:09 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 10:09 PM (IST)
वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी में कई महीने रही अविवाहित गर्भवती खिलाड़ी, नवजात बच्ची की मौत
वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी में कई महीने रही अविवाहित गर्भवती खिलाड़ी, नवजात बच्ची की मौत

भोपाल (मप्र)। नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी की 19 वर्षीय महिला खिलाड़ी की मंगलवार तड़के पैदा हुई बच्ची ने बुधवार को दम तोड़ दिया। सिर्फ 700 ग्राम वजन की बच्ची को नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। खिलाड़ी ने पुलिस को इस बात का सहमति पत्र सौंपा है कि बच्ची उसके साथी की है। वह बालिग है और उनके संबंध सहमति से बने थे। इस घटना ने एकेडमी के अधिकारियों की इस चूक को उजागर किया है कि एक गर्भवती खिलाड़ी कई महीनों से एकेडमी में थी और उन्हें पता तक नहीं चला।

prime article banner

राजधानी के तात्या टोपे स्टेडियम में स्थित एकेडमी की खिलाड़ी ने सोमवार रात पेट दर्द की शिकायत की थी। वार्डन उसे जेपी अस्पताल लेकर पहुंचीं तो पता चला कि खिलाड़ी गर्भवती है। सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब ढाई बजे खिलाड़ी ने सामान्य प्रसव से बच्ची को जन्म दिया। खिलाड़ी अभी जेपी अस्पताल में भर्ती है। वह मूलत: कटनी की रहने वाली है। उसके माता- पिता की एक हादसे में मौत हो चुकी है। उसका पालन-पोषण कटनी के आश्रय गृह में हुआ है। उसकी खेल में रुचि को देखते हुए आश्रय गृह ने उसे भोपाल स्थिति एकेडमी में भेजा था। खिलाड़ी के मुताबिक वह कटनी में एक युवक के साथ रिलेशनशिप में थी। छुट्टियों के दौरान कटनी में ही उसके संबंध बने।

खिलाड़ी की कराई जाएगी काउंसलिंग

खेल संचालक डॉ.एसएल थाउसेन ने बताया कि एकेडमी में मेडिकल और फिटनेस टेस्ट नियमित होते हैं। इसमें हमें उसके गर्भवती होने की जानकारी नहीं मिली थी। यदि इस तरह की बात सामने आती तो हम खिलाड़ी और गर्भस्थ बच्चे दोनों की देखभाल करते। खिलाड़ी को वापस एकेडमी में रखा जाएगा और काउंसलिंग की जाएगी। डा. थाउसेन के मुताबिक खिलाड़ी ने पुलिस को बताया है कि उसके साथी से संबंध सहमति से बने हैं। पुलिस ने भी कोई केस दर्ज नहीं किया है। हालांकि डॉ. थाउसेन ने यह स्वीकार किया है कि एकेडमी में महिला वार्डन और काउंसलर की संख्या कम है। एकेडमी में 177 महिला खिलाड़ी और सिर्फ दो महिला वार्डन हैं।

इसी बीच, बुधवार को खेल विभाग की उपसचिव किरण मिश्रा ने विभाग के संयुक्त संचालक संचालक डॉ.विनोद प्रधान, वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी के मुख्य कोच जीएल यादव, प्रभारी वार्डन मोनिका परोचे से इस मामले में पूछताछ की। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर खिलाड़ी से भी बात की है।

गौरवी में हुई काउंसलिंग

खिलाड़ी को जेपी अस्पताल से काउंसलिंग के लिए परिसर में ही स्थित गौरवी केंद्र भी ले जाया गया। उससे पारिवारिक पृष्ठभूमि व घटना के संबंध में जानकारी ली गई। सूत्रों ने बताया कि वह डरी हुई है। ज्यादा कुछ बताने की स्थिति में नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.