मद्रास हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, अविवाहित जोड़ों का होटल में ठहरना अपराध नहीं
जस्टिस एमएस रमेश ने हाल के अपने फैसले में कहा है कि बालिग अविवाहित युवक-युवतियों के होटल के कमरे में एक साथ ठहरने पर किसी तरह की कानूनी रोक नहीं है।
चेन्नई, प्रेट्र। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि दो बालिगों का लिव-इन में रहना अपराध नहीं माना जाता है, ऐसे में बालिग अविवाहित युवक-युवती एक साथ अगर होटल के कमरे में ठहरते हैं तो यह भी किसी तरह का अपराध नहीं है।
जस्टिस एमएस रमेश ने हाल के अपने फैसले में कहा है कि बालिग अविवाहित युवक-युवतियों के होटल के कमरे में एक साथ ठहरने पर किसी तरह की कानूनी रोक नहीं है। हाई कोर्ट ने यह फैसला कोयंबटूर के एक अपार्टमेंट की सील खोलने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया।
इस साल जून में पुलिस और राजस्व टीम के छापे में इस अपार्टमेंट में एक कमरे में ठहरे व्यक्ति के पास से शराब की बोतल मिली थी। जबकि, एक दूसरे कमरे में अविवाहित जोड़ा ठहरा था। यह अपार्टमेंट गुरुग्राम की एक हॉस्पिटैलिटी कंपनी का है।
गैर-शादीशुदा कपल होटल में कमरा लेकर आराम से रह सकते हैं। अपने देश में इसे अपराध नहीं माना जाता। पर जानकारी के अभाव में लोग इसे बड़ा अपराध या गलत काम समझते हैं, जबकि कुछ जगहों पर होटल वाले ही इसे गलत मानते हैं। मगर यह बात सच नहीं है। भारत में इससे जुड़ा कोई कानून नहीं है। लेकिन गैर शादीशुदा जोड़े होटल में रूम बुक कराते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
रूम लेते समय गैर-शादीशुदा जोड़े का 18 साल से अधिक का होना जरूरी है, तभी आप चेक-इन कर सकेंगे। उम्र सीमा अलग-अलग होटल के हिसाब से बदल भी सकती है। होटल में कमरा लेते समय आपके पास वैध पहचान पत्र (आईडी) प्रूफ (दोनों लोगों के पास) भी होने चाहिए।