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विश्वविद्यालयों को भारी पड़ेगी कैंपस की अशांति, सरकार उठाने जा रही है ये कदम

पढ़ाई को छोड़ कैंपस में आए दिन होने वाली हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन अब विश्वविद्यालयों को भारी पड़ने वाली है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 09:04 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 09:04 PM (IST)
विश्वविद्यालयों को भारी पड़ेगी कैंपस की अशांति, सरकार उठाने जा रही है ये कदम
विश्वविद्यालयों को भारी पड़ेगी कैंपस की अशांति, सरकार उठाने जा रही है ये कदम

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पढ़ाई को छोड़ कैंपस में आए दिन होने वाली हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन अब विश्वविद्यालयों को भारी पड़ने वाली है। सरकार ने सभी विश्व विद्यालयों के व्यापक प्रदर्शन की समीक्षा का फैसला किया है। इसके आधार पर ही इन्हें आगे दी जाने वाली वित्तीय मदद का फैसला होगा। फिलहाल इसकी शुरूआत देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों से होगी। इसे लेकर सरकार ने सभी केंद्रीय विवि से पिछले तीन महीनों के (जुलाई से सितंबर तक) प्रदर्शन का ब्यौरा देने को कहा है।

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सरकार की इस पहल को पिछले कुछ समय से लगातार विरोध-प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं के चलते विवादों में रहने वाले जेएनयू, बीएचयू, एएमयू और इलाहाबाद जैसे केंद्रीय विवि से जोड़कर देखा जा रहा है। ये संस्थान ऐसे ही विवादों का अखाड़ा बने हुए हैं। खास बात यह है कि यह सभी देश के ऐसे संस्थान है, जिनका उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी नाम है। लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसी गतिविधियों के चलते यहां पढ़ाई का माहौल बिगड़ा हुआ है।

सरकार का यह कदम विश्वविद्यालय कैंपस की इसी अशांति को खत्म करने और पढ़ाई-लिखाई के माहौल को फिर से कायम करने की है। इसके तहत सभी केंद्रीय विवि को 30 अक्टूबर तक प्रदर्शन का ब्यौरा देना है। इस दौरान जो अहम जानकारियां मांगी गई है, उनमें विवि में इन तीन महीनों में लगने वाली कक्षाओं को ब्यौरा, पढ़ाई गए कोर्स का ब्यौरा, छात्रों की उपस्थिति आदि को मुख्य रूप से फोकस किया है। इसके अलावा समीक्षा का जो एक और आधार तय किया गया है, उनमें छात्रों की शिकायत और उनके निराकरण का भी ब्यौरा उन्हें देना होगा।

सरकार का इस समीक्षा के पीछे मकसद बिल्कुल साफ है। वह विश्वविद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई का माहौल बनाने के लिए दबाव बनाना चाहती है जो पिछले कुछ समय से इन संस्थानों से बिल्कुल गायब है। यह इसलिए भी किया गया है कि सरकार की ओर से विश्वविद्यालयों को पैसा पठन पाठन के लिए लिए दिया जाता है, लेकिन अब तक उनसे कोई इसकी पूछताछ नहीं होती थी। ऐसे में यह इसको लेकर अपनी जवाबदेही नहीं समझते हैं। मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो इस नई व्यवस्था से विवि को अपने प्रदर्शन को सुधारने की जरूरत महसूस होगी। जिसका फायदा छात्रों को मिलेगा।


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